Wheat procurement in MP:। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लागू कोरोना कर्फ्यू के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य (1,975 रुपये प्रति क्विंटल) पर गेहूं खरीद का काम तेजी पकड़ गया है। बीते पांच दिन में दस लाख टन गेहूं खरीदा गया, जो अब तक हुई खरीद का लगभग दोगुना है। इतना ही नहीं, परिवहन का काम भी साथ-साथ चल रहा है। 17.37 लाख टन गेहूं का परिवहन हो चुका है। किसानों को 1,200 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
प्रदेश में अब तक तीन लाख छह हजार किसानों से 21.90 लाख टन गेहूं खरीदा जा चुका है। इस बार 24 लाख से ज्यादा किसानों ने समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए पंजीयन कराया है। इनमें से 42 फीसद किसानों को उपज बेचने के लिए एसएमएस कर दिए गए हैं। नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती दिनों में उपार्जन का काम धीरे चल रहा था पर अब इसमें गति आ गई है, जो बढ़ती जाएगी।
पिछले पांच दिन में 12.09 लाख टन गेहूं खरीदा गया। जस्ट इन सॉफ्टवेयर के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में भुगतान किया जा रहा है। अगले सप्ताह इसमें और तेजी आ जाएगी। किसानों को उपज बेचने के लिए एमएसएम किए जा चुके हैं। सब अपनी बारी आने पर उपज लेकर आएंगे और आसानी से तुलाई हो जाएगी। किसानों को उपज बेचने के लिए कोरोना कर्फ्यू में आने-जाने की छूट इस शर्त के साथ जिला प्रशासन की ओर से दी गई है कि वे सीधे उपार्जन केंद्र जाएंगे और वापस आएंगे।
मास्क लगाए बिना नहीं होगी खरीद
कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए उपार्जन केंद्रों पर सावधानियां बरतने के निर्देश दिए गए हैं। जो किसान बिना मास्क लगाकर आएगा, उसकी तौल पर्ची ही नहीं बनेगी। वो अपनी उपज उस समय नहीं बेच पाएगा। केंद्र पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा गया है कि वे कोरोना गाइडलाइन का पालन करें। मास्क पहने और पर्याप्त शारीरिक दूरी का पालन अवश्य करें। किसानों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें।