अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का इंतजार लंबा खिंच गया है। अब हिंदू जनमानस का धैर्य टूटता जा रहा है। इसलिए चैत्र वर्ष प्रतिपदा से राममंदिर के लिए निर्णायक लड़ाई शुरू की जाएगी।
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में यह हुंकार रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने भरी। बैठक में पांच प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई।
संगम किनारे कल विहिप के शिविर में केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में हुई। इसमें पांच प्रस्ताव पारित किए गए, लेकिन रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का मुद्दा ही छाया रहा। अधिकांश संतों ने कहा कि इसके लिए कोर्ट का निर्णय जल्द आना चाहिए और संसद में कानून बनाया जाना चाहिए। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि अखाड़ा परिषद विहिप के साथ है। राममंदिर के लिए पूरे देश में जनजागरण किया जाना चाहिए, ताकि संसद में कानून बनाया जा सके।
उन्होंने मठ मंदिरों के अधिग्रहण पर भी रोक लगाने और उससे संबंधित प्रस्ताव का समर्थन किया। स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि संत समाज सरकार पर आश्रित नहीं है। राममंदिर का निर्माण ईश्वरीय कार्य है। नए वर्ष में भव्य मंदिर का निर्माण तय है। बैठक में स्वामी श्यामदेवाचार्य, स्वामी गोपाल जी सच्चा बाबा, महंत डॉ. रामेश्वर दास, गुरु कर्मा आचार्य आदि मौजूद थे।
मार्गदर्शक मंडल के पांच प्रस्ताव
– राममंदिर निर्माण का निर्णय आए और कानून बने।
– गोहत्या पर रोक लगाने का कानून बने।
– गंगा की निर्मलता बनाए रखी जाए।
– सामाजिक समरसता कायम हो।
– देश में समान नागरिक संहिता लागू हो।