दो साल के लंबे इंतजार के बाद सोमवार को सिपाही भर्ती 2018 के अभ्यर्थियों का शारीरिक परीक्षण और कागजातों का सत्यापन शुरू हुआ। इसके लिए सुरक्षा का विशेष प्रबंध किया गया है। प्रयाराज में पहले ही दिन परीक्षण के दौरान 48 अभ्यर्थियों में से 17 अभ्यर्थी मेडिकल ग्राउंड पर अनफिट घोषित कर दिए गए। कुछ को भगंदर जैसी बीमारी थी। उन्हें अब मेडिकल बोर्ड में चुनौती देने का एक आखिरी मौका मिलेगा। जहां डॉक्टरों का पैनल फिर उनकी जांच करेगा। वहां स्वस्थ घोषित होने पर भर्ती में वापस आने का मौका मिलेगा। महिला सिपाहियों का आखिरी में परीक्षण किया जाएगा।
सिपाही भर्ती 2018 के अभ्यर्थी अपना मेडिकल परीक्षण कराने को दो साल से परेशान थे। 49,568 सिपाही भर्ती के अभ्यर्थियों को कोरोना काल में मेडिकल परीक्षण व ट्रेनिंग के लिए नहीं बुलाया गया। पहले चरण में सिर्फ 14,000 सिपाहियों का चयन हुआ था। दूसरे चरण में 17,360 सिपाहियों का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। प्रयागराज में 301 अभ्यर्थियों का परीक्षण होना है। सोमवार को पुलिस लाइन में इन अभ्यर्थियों का परीक्षण शुरू हुआ। एएसपी सोमेन्द्र मीणा ने बताया कि रोज 50-50 अभ्यर्थी बुलाए गए हैं। सोमवार को 48 अभ्यर्थी आए थे। सभी का डॉक्यूमेंट और फोटो का सत्यापन किया गया। इसके बाद डॉक्टरों के पैनल ने लम्बाई, सीना, आंख, पैर समेत बीमारियों की जांच की। एएसपी ने बताया कि विभिन्न कारणों से डॉक्टरों ने 17 अभ्यर्थियों को अनफिट घोषित किया। बताया जा रहा है कि किसी न किसी बीमारी के कारण अभ्यर्थी बाहर किए गए हैं।
सिपाही भर्ती में गिरफ्तार हुआ था पीएसी जवान
प्रयागराज। सिपाही भर्ती 2018 के मेडिकल परीक्षण के दौरान 2020 में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में पीएसी के जवान पीटीआई बृजेश सिंह को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा था। हुआ यह था कि राजापुर के अभ्यर्थी राघवेंद्र को अनफिट बनाकर सिपाही ने उससे 40 हजार रुपये पास कराने के नाम पर लिए थे। इसका खुलासा होने पर बृजेश सिंह समेत अन्य के खिलाफ कर्नलगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। डॉक्टरों पर भी मिलीभगत का आरोप था लेकिन पुलिस जांच में कोई डॉक्टर शामिल नहीं मिला।