उत्तर प्रदेश में जीएसटी रिफंड का करीब 4000 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि केंद्र और प्रदेश सरकार से नहीं मिली है। अमूमन तीन महीने पर मिलने वाला यह पैसा इस बार कारोबारियों को पांच महीने बाद भी नहीं मिल पाया है। इसको लेकर अलग- अलग संगठन केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार से संपर्क कर चुके हैं। अपने ही पैसे के लिए हर दर पर माथा टेक रहे हैं, लेकिन पैसा नहीं मिल पा रहा है। अब मंदी की मार झेल रहे कारोबारियों के लिए यह पैसा फंसना कोढ़ में खाज सा हो गया है।
स्मॉल इंडस्ट्रीज मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन ने सूक्ष्म और लघु विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल को पत्र लिखा है। उसमें कहा कि जीएसटी रिफंड का पैसा न मिलने की वजह से कारोबारियों की परेशानी बढ़ गई है। संगठन के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि इंडस्ट्री वाले कई जिलों में 300 से 400 करोड़ रुपये जीएसटी रिफंड कारोबारियों को अभी नहीं मिला है। इसमें केंद्र और प्रदेश सरकार दोनों से पैसा आना होता है।
उन्होंने बताया कि 50 करोड़ रुपए से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए ई- इनवॉइस का नियम बनाया गया है, लेकिन जीएसटी पोर्टल अक्सर खराब रहता है। इसकी वजह से कारोबार प्रभावित होता है।
कानपुर को 1000 करोड़ रुपए रिफंड होना है
कानपुर में पाइप का काम करने वाले उद्यमी हल्दीप राका कहते हैं कि उनके यहां 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा का रिफंड कारोबारियों को मिलना था, लेकिन वह नहीं मिल पाया है। इसकी वजह से कारोबार को रफ्तार नहीं मिल रही है। छोटे उद्यमी के लिए यह पैसा बहुत जरूरी है। इससे वह अपने कारोबार को दोबारा खड़ा कर पाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा पैसा समय पर न आए तो कोई कार्रवाई नहीं है। दूसरी तरफ अगर समय से जीएसटी रिर्टन नहीं भरा गया तो विभाग की तरफ से हमारा जीएसटी नंबर तक कैंसिल किया जा सकता है।
लखनऊ में 700 करोड़ रुपए से ज्यादा का रिफंड होना है
लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्रा बताते हैं कि यहां काफी उद्यमी है। छोटे- बड़े मिलाकर दो हजार से ज्यादा इंडस्ट्री है। उम्मीद है कि उनका 700 करोड़ रुपए से ज्यादा का रिफंड फंसा है। बताया कि इसको लेकर जीएसटी विभाग में बात की गई है। लेकिन अभी लोगों का पैसा नहीं आया है।
16 लाख रिटेलर और 90 लाख सुक्ष्म उद्योग
उप्र में कागजों पर 16 लाख से ज्यादा रिटेलर और 90 लाख से ज्यादा सूक्ष्म उद्योग है। जिनका हर साल हजारों करोड़ रुपए जीएसटी रिफंड आता है। लेकिन इस बार केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से वह पैसा समय पर न आने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
इन शहरों को इतना पैसा मिलने की उम्मीद
- फर्रुखाबाद – 400 करोड़ रुपए
- कानपुर – 1000 करोड़ रुपए
- लखनऊ – 700 करोड़ रुपए
- मुरादाबाद – 400 करोड़ रुपए
- आगरा – 500 करोड़ रुपए