राज्य नियोजन संस्थान की एक महिला कर्मचारी अपने विभाग के ही पूर्व निदेशक, पहले तैनात रहे दो आईएएस अफसरों और आठ अन्य कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी, धमकाने और शिकायत पर कार्रवाई न करने का मुकदमा दर्ज कराया है। दोनों आईएएस अफसरों पर आरोप है कि वर्ष 2019 में वह इनके चक्कर लगाती रही लेकिन इन लोगों ने पूर्व निदेशक के खिलाफ शिकायत पर ध्यान नहीं दिया। इससे उसका उत्पीड़न और बढ़ता गया। एसीपी महानगर प्राची सिंह के मुताबिक महिला ने पहले भी यौन उत्पीड़न की एक शिकायत की थी जिस पर मामला कोर्ट में चल रहा है। तीन फरवरी को 11 लोगों के खिलाफ दर्ज कराये इस मामले में भी जांच शुरू कर दी गई है।
पीड़ित महिला ने महानगर कोतवाली में रिटायर सैयद आफाक अहमद, डॉ. सतवीर सिंह, वरिष्ठ मूल्यांकन अधिकारी डॉ. सतराम, कनिष्ठ सहायक दिनेश कुमार, डॉ. राजेन्द्र यादव, पूर्व निदेशक अंकित कुमार अग्रवाल, आईएएस ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, डॉ. डी सरीन, उमेश कुमार, डॉ. गोविन्दा बाबू, वी. श्रीवास्तव को नामजद कराया है। इनके खिलाफ आईपीसी की 120 बी आपराधिक साजिश रचने, 420 धोखाधड़ी, 467 मूल्यवान दस्तावेजों में हेरफेर, 468 फर्जी दस्तावेज बनाने, 471 जाली दस्तावेज को असल मान कर प्रस्तुत करना ,409 सरकारी धन का गबन, 504 अपमान करने और 506 धमकी देने के तहत एफआईआर हुई है।
पीड़िता ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2019 में पूर्व निदेशक रहते हुए दोनों अफसरों ने उनको मानसिक रूप से काफी क्षति पहुंचायी। कई तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर उनका उत्पीड़न किया। यह भी आरोप लगाया कि इन आरोपियों ने साठगांठ कर उसके खिलाफ फर्जी शिकायतें करायी जिसमें कई फर्जी दस्तावेज भी लगाये गये। दो साल तक उसे परेशान किया जाता रहा और दोनों आईएएस अफसर भी शिकायत करने के बाद उनकी मदद नहीं किये। इस सम्बन्ध में उसने महिला आयोग में भी शिकायत की थी। महिला आयोग ने भी इस मामले में पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी। इस पर ही पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली।