The pain is still left: काेराेना काल में कई लाेगाें ने अपनाें काे खाे दिया। एेेसे ही एक पवन कुशवाह हैं, जिन्हाेंने इस काेराेना काल में अपने फूफा आेमप्रकाश कुशवाह काे खाेया है। अब पवन स्वजनाें के साथ ही अन्य लाेगाें काे भी समझाईश दे रहे हैं कि मास्क आैर शारीरिक दूरी के नियम का पालन करें। जिससे वह खुद एवं उनके अपने सुरक्षित रहें।
मेरा नाम पवन कुशवाह है, मेरे फूफा ओमप्रकाश कुशवाह की 15 मई को कोरोना से मौत हो गई। हालांकि वह शुगर के मरीज थे। इस बीच उनकाे टाइफाइड भी हो गया था। उन्हाेंने डाक्टर काे नहीं दिखाया आैर घर में ही दवाएं लेते रहे। घरवालाें काे भी ख्याल नहीं आया कि यह मामूली दिखने वाली बीमारी काेराेना संक्रमण हाे सकता है। जब हालत अधिक बिगडी ताे फूफाजी काे लेकर डाक्टर के पास गए। डाक्टर ने लक्षणाें के आधार पर काेविड टेस्ट की सलाह दी। जब जांच कराई ताे उनकी रिपाेर्ट पाजिटिव आई। इसके बाद डाक्टर की सलाह के अनुसार उनका इलाज शुरू किया गया। शुगर की बीमारी हाेने के कारण डाक्टराें ने विशेष ध्यान रखने की सलाह दी। हमने काफी प्रयास किए लेकिन इलाज में देरी हाेने के कारण हमने उनकाे खाे दिया। क्याेंकि इलाज शुरू हाेने के दो दिन बाद ही उनकी मौत हो गई। हमारी लापरवाही की वजह से हमने उनको खो दिया। अब मैं सभी से यही कहना चाहता हूं कि किसी भी तरह की लापरवाही न करें। कोरोना के लक्षण देखते ही अपनी जांच कराएं और समय पर इलाज लें।