लखनऊ, राजधानी के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) और राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान जैसे सुपर स्पेशियलिटी सुविधाओं से युक्त संस्थानों में मंगलवार को मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। सातवें वेतनमान के अनुरूप मिलने वाले भत्ते के भुगतान को लेकर कर्मचारियों की हड़ताल से ओपीडी में इलाज ठप हो गया। एक तरफ जहां कर्मचारियों ने केजीएमयू में प्रशासनिक भवन पर ताला लटकाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। वहीं, लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा। संस्थान में मेडिकल फैकल्टी, समस्त नर्सिंग पैरामेडिकल स्टाफ का हड़ताल शुरू दी। इस दौरान ओपीडी का काम पूरी तरह ठप रहा। जिसके चलते मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ा। हांलाकि करीब दो घंटे बाद ओपीडी में काम शुरू हुआ।
वहीं, लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा। संस्थान में मेडिकल फैकल्टी, समस्त नर्सिंग पैरामेडिकल स्टाफ का हड़ताल शुरू दी। इस दौरान ओपीडी का काम पूरी तरह ठप रहा। जिसके चलते मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ा। गुस्साए तीमारदारों ने जमकर हंगामा करते हुए लोहिया संस्थान के बाहर सड़क कर दिया। जिसके चलते एम्बुलेंस भी जाम में फंस गई। उधर, प्रदर्शकारी लोहिया के प्रशासनिक भवन के गेट के सामने धरने पर बैठ गए।
कर्मचारियों ने रजिस्ट्रार ऑफिस में लटका दिया ताला
केजीएमयू में कर्मचारियों ने करीब पौने दस बजे कर्मचारियों ने भूतल पर जमा होकर नारे लगाने शुरू कर दिये। देखते ही देखते नर्सिंग स्टाफ भी प्रदर्शन में शामिल हो गया। कर्मचारियों ने कुलपति आवास पर भी पहुंच कर प्रदर्शन किया। बताया जा रहा है कि सुबह 6:00 बजे कर्मचारियों ने रजिस्ट्रार ऑफिस में ताला लटका दिया। केजीएमयू में प्रशासनिक भवन पर ताला डाल कर प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। कर्मचारियों ने कुलपति आवास पर भी पहुंचकर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों के साथ डॉक्टर भी हड़ताल पर रहे।
काम बंद, लौटे मरीज
न्यू ओपीडी के प्रथम तल पर टोकन काउंटर में कर्मचारियों ने काम बंद दिया। इसके साथ ही प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी मरीजों को देख रहे डॉक्टरों को जबरन उन्हें सीट से उठा दिया। जिसके चलते मरीजों को बिना इजाल ही लौटना पड़ा।
बता दें, पूर्व में यह निर्णय हो चुका है कि संजय गांधी पीजीआइ के अनुसार शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक संवर्ग के लोगों को सातवें वेतनमान के भत्तों का भुगतान होगा। लेकिन केजीएमयू में गैर शैक्षणिक संवर्ग और लोहिया संस्थान में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक दोनों संवर्गों के लोगो को इसका भुगतान अभी नहीं किया गया है। यह भुगतान दो साल पूर्व यानी जुलाई 2017 से देय है।