Raipur News: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर एक बार फिर सियासत गरम हो गई है। कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर धान खरीदी के गलत आंकड़े देने पर माफी मांगने की मांग की है। प्रदेश उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन और मीडिया विभाग के चेयरमैन शैलेश नितिन त्रिवेदी ने राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि प्रदेश में 15 साल सरकार में रहे रमन सिंह ने किसानों की जिंदगी खराब कर दी थी। सीएम भूपेश बघेल ने तीन साल में ही रमन सरकार के पांच साल के बराबर धान की खरीदी कर ली है।
गिरीश देवांगन ने कहा कि रिकार्ड धान खरीदी हुई। भाजपा नेता लगातार बाधा डालते रहे, भ्रम फैलाते रहे, फर्जी बातों को लेकर किसानों को राज्य सरकार के खिलाफ भड़काया। इनकी केंद्र सरकार बाधा डालती रही, इनको माफी भी मांगना चाहिए। शर्मिन्दा भी होना चाहिए। रमन सरकार ने किसानों से धोखाधड़ी की है। पांच मुफ्त बिजली, एक-एक दाना धान की खरीदी, 2100 समर्थन मूल्य, 300 रुपये बोनस आदि पर धोखा ही किया।
वहीं, पहले साल 2500 रुपये में धान खरीदी सफलतापूर्वक हो गई। इन्होंने केंद्र सरकार के खाद्य सचिव से पत्र जारी किया। एक रुपया समर्थन मूल्य से ऊपर दिया तो छत्तीसगढ़ के किसानों से धान से बना चावल छत्तीसगढ़ की माटी में बने एफसीआई के गोदामों में नहीं रखा जाएगा। इस आदेश के खिलाफ सभी राजनीतिक दलों की बैठक हुई। जन प्रतिनिधियों, सांसदो, जननेताओं की किसान संगठनों की बैठकें हुई। जिनका भाजपा ने बहिष्कार किया।
इस साल तो हद कर दी, मोदी सरकार ने जूट के बोरो की आपूर्ति रोक दी। विपरीत परिस्थितियो का सामना करते हुये अदम्य साहस के साथ भूपेश बघेल ने किसानों का धान खरीदा। देवांगन ने कहा कि रमन सरकार के आखिरी साल के आंकड़ों पर ही नजर डालें तो भाजपा के किसान विरोधी चरित्र की पोल यहीं खुल जाती है।
सभी पंजीकृत किसानों से हुई धान खरीदी
नेताओं ने कहा कि हर बरस कुछ पंजीकृत किसान की धान खरीदी नहीं हो पाती है, जिसके बहुत से कारण है। कांग्रेस पर आरोप लगाने और धान खरीदी में बाधा डालने वाले रमन सिंह के 15 वर्षीय कुशासन के काले कार्यकाल के अंतिम वर्ष 2017-18 में ही कुल पंजीकृत 15 लाख 77 हजार 332 किसानों में सिर्फ 12 लाख 6 हजार 264 किसान धान बेच पाये थे और तीन लाख 71 हजार 068 किसान की धान खरीदी नहीं हुई थी। कांग्रेस ने 2018-19 में 16 लाख 96 हजार 765 और 2019-20 में 19 लाख 55 हजार 544 और 2020-21 में 21 लाख 52 हजार 475 किसानों का पंजीकरण किया और किसानों के धान की भरपूर खरीद की है।