Raipur Hospital Fire: राजधानी हास्पिटल अग्निकांड में सात कोरोना मरीजों की मौत के मामले में घोर लापरवाही बरती जा रही है। घटना के 12 दिन बाद भी न तो पुलिस और न ही अन्य तीन जांच एजेंसियों की जांच रिपोर्ट सामने आई है। इसी बीच खबर आ गई कि अग्निकांड के बाद सीलबंद किए गए अस्पताल को फिर से स्वास्थ्य विभाग ने इलाज की मान्यता दे दी है। इससे सवाल उठने लगे है कि अभी तक अग्निकांड की जांच पूरी भी नहीं हुई और अस्पताल संचालकों पर मेहरबान जिम्मेदारों ने कोरोना मरीजों के इलाज की मान्यता दे दी।
स्वास्थ्य विभाग को छोड़कर पुलिस, फायर सेफ्टी विभाग, विद्युत और एफएसएल की टीम अस्पताल का निरीक्षण कर जांच पूरी कर लेने का दावा कर रही है, लेकिन किसी की जांच रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई है। राजधानी अस्पताल अग्निकांड की जांच के नाम पर अब तक केवल खानापूर्ति ही की गई है। फायर सेफ्टी, विद्युत, एफएसएल और पुलिस ने अस्पताल जाकर जांच की लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम 12 दिन बाद भी वहां झांकने तक नहीं गई।
अग्निकांड में मृत सात मरीजों के स्वजन जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन प्रशासन अपनी मर्जी से सुस्त रफ्तार में जांच कर रही है। पुलिस तक को अस्पताल के संचालकों के नाम लिखित में नहीं दिए गए। इसकी वजह से संचालकों का बयान तक दर्ज नहीं किया जा सका है।
बता दें कि इस अस्पताल में कोविड मरीज भर्ती थे। आग की वजह से जलने और दम घुटने से सात मरीजों की मौत हुई थी। जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करने का दावा किया था, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक जांच ही चल रही है।