Pollution In Indore। शनिवार रात से लगने वाले लाकडाउन के बाद भी शहर में प्रदूषण के स्तर में कमी नहीं आ रही है। वहीं पराली जलाने से भी शहर में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। रविवार सुबह शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 235 के स्तर पर पहुंच गया था। इसमें पीएम 10 अौर पीएम 2.5 का उच्चतम स्तर 400 से अधिक था, जबकि इसका औसत 209 और 235 था और न्यूनतम 115 और 60 माइक्रोगाम था।
शहर में बीते कुछ माह से लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। अधिकारी भी इसे रोक नहीं पा रहे हैं। पहले स्टेशन के सामने चल रहे निर्माण कार्य को इसका कारण बताया गया, लेकिन अब इसका काम पूरा हो गया है। फिर भी प्रदूषण में कमी नहीं आ रही है। रोजाना प्रदूषण बढ़ रहा है। रात में कर्फ्यू के बावजूद भी इसमें कमी नहीं आ रही है। बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि शहर के पास में स्थित ग्रामीण इलाकों में खेतों में पराली जलाई जा रही है, जिससे धुआं और प्रदूषण हो रहा है। ऐसे में इस पर रोक लगाना अत्यंत आवश्यक है। पराली जलाने से लगातार प्रदूषण बढ़ता है। इंदौर में बीते नवंबर से प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। अब पराली से इसमें और इजाफा हो जाएगा। हवा चलने से पराली के कण उड़ते हैं और शहर में आ जाते हैं। प्रदूषण बढ़ने का एक यह भी कारण है।
गौरतलब है कि पराली जलाने से हर साल प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। आस-पास के गांवों के किसान फसल काटने के बाद खेतों को साफ करने के लिए उसमें आग लगा देते है, जिससे धुआं तो उड़ता ही है। इसके अलावा जली हुई पराली भी उड़ती है। यह काफी घातक होती है। उत्तर भारत में इसका काफी असर देखने को मिलता है। वहां जलाई गई पराली का असर प्रदेश के ग्वालियर तक देखने को मिलता है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देकर पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए कहा है। इससे मिट्टी की गुणवत्ता भी खराब होती है।