प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपने बांग्लादेश दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत मंदिर में पूजा-अर्चना से की। पीएम मोदी ईश्वरपुर गांव स्थित यशोरेश्वरी काली मंदिर में पहुंचे और विधिवत देवी की पूजा की। आपको बता दें कि यह मंदिर भारत और पड़ोसी देशों में मौजूद 51 शक्ति पीठों में से एक है। इसके बाद पीएम मोदी ओराकांडी के मतुआ समुदाय के मंदिर भी गये। ओराकांडी में ही मतुआ समुदाय के संस्थापक हरिशचंद्र ठाकुर का जन्म हुआ था। आपको ध्यान दिला दें कि पश्चिम बंगाल चुनाव में मतुआ समुदाय वोटों के लिहाज से काफी मायने रखता है। अब तक ये समुदाय ममता बनर्जी का साथ देता रहा है। लेकिन धीरे-धीरे स्थितियां बदल रही हैं।
प्रधानमंत्री इसके बाद बांग्लादेश के राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की समाधि पर भी जाएंगे। बांग्लादेश की आजादी के बाद ऐसा करने वाले ये पहले भारतीय नेता हैं। यहां बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना उनके स्वागत के लिए मौजूद रहेंगी। इसके बाद पीएम बंगबंधु-बापू म्यूजियम का भी उद्घाटन करेंगे। इसके बाद पीएम मोदी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की भी उम्मीद है।
आपको बता दें कि कोरोना महामारी बाद यह पीएम मोदी की पहली विदेश यात्रा है। विपक्षी दल प्रधानमंत्री के बांग्लादेश दौरे के राजनीतिक फायदों का मुद्दा भी उठा रहा है। दरअसल, प्रधानमंत्री की दौरे के वक्त ही पश्चिम बंगाल में वोटिंग चल रही है। यहां बीजेपी ने बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा काफी जोर-शोर से उठाया है। ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि बांग्ला देश से बेहतर संबंधों की पहल के जरिए बीजेपी अल्पसंख्यक मतदाताओं का विश्वास हासिल करना चाहती है। वहीं पीएम का मतुआ समुदाय के मंदिर में जाना भी राजनीतिक मायने रखता है।