कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों की परेशानी इतनी बढ़ गयी है की वे थाने की चौखट तक भी पहुंचने लगे हैं। कोई दवा नहीं मिलने की शिकायत करता है तो कोई अपने मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवा देने की गुहार लगा रहा है। सर… हमारे घर के एक सदस्य को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, उसे किसी अस्पताल में भर्ती करवाया दीजिये.. थानों के सरकारी मोबाइल नंबर पर भी कई ऐसे ही परेशान लोगों के कॉल आ रहे हैं। मरीज को फौरन संबंधित विभाग के अधिकारियों का नंबर पुलिस दे देती है, ताकि उन्हें मदद मिल सके।
थाने के अंदर घुसने पर रोक, बाहर सुनी जा रही शिकायत
इस दौरान कई कोरोना मरीजों के परिजन थाने पहुंच रहे हैं। हालांकि पुलिस वाले उनके करीब नहीं जाते। थाने में पहले से ही अंदर नहीं घुसने को लेकर बोर्ड लगा दिया गया है, ताकि सभी लोग सुरक्षित रहें। आमलोगों की शिकायत पुलिस थाना परिसर के बाहर ही सुन रही है। बहुत संगीन मामले में ही फिलहाल पुलिस टीम छापेमारी करने निकल रही है। छोटी घटनाओं या आपसी विवाद जैसे मामलों को फिलहाल नजरअंदाज किया जा रहा है। पुलिस अधिकारी भी बाहरी लोगों से मिलने से परहेज कर रहे हैं, ताकि सभी सुरक्षित रहें।
पटना में 38 लोगों की कोरोना से मौत, 2207 नए संक्रमित मिले
कोरोना संक्रमण से बुधवार को पटना में 38 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2207 नए संक्रमित मिले। 16 की मौत एनएमसीएच में, 11 की एम्स पटना में, सात की पीएमसीएच और चार की मौत आईजीआईएम में इलाज के दौरान हुई। पीएमसीएच में मरनेवाले सात में से पांच पटना के मरीज थे। इनमें लोहानीपुर के महेशराम, फुलवारीशरीफ के रफीक अंसारी, रूकनपुरा के उज्ज्वल कुमार, दानापुर के रामकृष्ण राय, वीरेंद्र कुमार सिंह, लखीसराय के कालीदास और छपरा की जानकी देवी शमिल हैं।