इंदौर palm oil । नवंबर में पाम तेल का आयात सालाना आधार पर आठ प्रतिशत घटकर पांच महीनों के न्यूनतम स्तर पर आ गया। असल में पाम तेल की कीमतें लगातार बढ़ने की वजह से रिफाइनरों के लिए सोयाबीन तेल ज्यादा आकर्षक हो गया। साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ऑफ इंडिया की तरफ से मंगलवार को जारी एक बयान के मुताबिक नवंबर के दौरान देश में 6,18,468 टन पाम तेल का आयात हुआ। इसके मुकाबले पिछले साल नवंबर में 6,72,363 टन पाम तेल आयात किया गया था। वैश्विक ट्रेडिंग फर्म के साथ आयात सौदे करने वाले एक डीलर ने कहा, ‘पिछले महीने सोयाबीन तेल के मुकाबले पाम तेल की कीमतों में अंतर कम रह गया। इसके चलते रिफाइनरों के लिए सोयाबीन तेल का आयात ज्यादा फायदेमंद साबित हुआ।’ भारत पाम तेल का आयात इंडोनेशिया और मलेशिया से करता है। सोयाबीन तेल और सनफ्लावर आयल जैसे अन्य खाद्य तेल अर्जेंटीना, ब्राजील, यूक्रेन और रूस से आयात किए जाते हैं।
सोयाबीन तेल का आयात 52 प्रतिशत बढ़ा
एसईए के मुताबिक नवंबर में सोयाबीन तेल का आयात 52 प्रतिशत बढ़कर 2,50,784 टन के स्तर पर पहुंच गया। दूसरी तरफ इसी दौरान सनफ्लावर आयल का आयात 19 प्रतिशत घटकर 2,14,077 टन रह गया।
शुल्क में कटौती से पलट सकता है रुझान
नवंबर के आखिरी हफ्ते में नई दिल्ली ने क्रूड पाम तेल (सीपीओ) पर आयात शुल्क 37.5 प्रतिशत से घटाकर 27.5 प्रतिशत कर दिया था। दूसरी तरफ कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सनफ्लावर आयल जैसे अन्य सॉफ्ट आयल पर 35 प्रतिशत आयात शुल्क बरकरार रखा गया था। एसईए ने अपने बयान में कहा है, ‘सीपीओ पर शुल्क घटने से आगामी महीनों में पाम तेल का आयात बढ़ सकता है, लेकिन अन्य खाद्य तेल के आयात में कमी आ सकती है।’