लखनऊ। केंद्र सरकार द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट में अप्रत्याशित रूप से बढ़ाई गई जुर्माने की दर से ‘अपनी जनता’ को बचाने के लिए राज्य सरकारें एक-एक कर आगे आ रही हैं।
गुरुवार को प्रदेश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने बयान जारी कर पुष्टि कर दी कि सरकार नई दरों पर पुनर्विचार कर रही है। उनका कहना है कि सरकार विचार कर रही है कि जनता के हित में जुर्माना शुल्क की दरें क्या निर्धारित की जाएं।
जनता को राहत देने के लिए जुर्माना शुल्क की नई दरें तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब तक यह मसला चर्चाओं और संभावनाओं में था कि केंद्र सरकार द्वारा यातायात नियमों के उल्लंघन पर तय किए गए नए जुर्माने से उप्र सरकार कुछ राहत दे सकती है।
दरों पर अभी कुछ तय नहीं
दरें कितनी कम की जाएंगी? यह तो उन्होंने नहीं बताया लेकिन, जनता के हित की बात से इशारा मिल चुका है कि जुर्माना शुल्क की दरें कम जरूर की जाएंगी।
केंद्र सरकार खुद कह चुकी है कि राज्य चाहें तो अपने अनुसार जुर्माना तय कर सकते हैं। रास्ता मिलते ही गुजरात और उत्तराखंड सरकार ने इस ओर कदम बढ़ाया।
गुजरात सरकार ने तो जुर्माने की दर 25 से 90 फीसद तक कम कर दी है। माना जा रहा है कि जिस तरह से इस मुद्दे पर विपक्षी दल सरकार को घेरना चाहते हैं, उसे देखते हुए योगी सरकार भी ऐसा ही कोई निर्णय ले सकती है।