प्रदेश के सरकारी स्कूलों के पहली से आठवीं के बच्चों का मूल्यांकन घर से होगा। इसके लिए सभी विषयों का प्रोजेक्ट आधारित मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें 60 फीसद लिखित और 40 फीसद प्रोजेक्ट आधारित होगा। लिखित परीक्षा के लिए वर्कशीट तैयार किया गया है। इस वर्कशीट को शिक्षक विद्यार्थियों के घर-घर जाकर पहुंचाएंगे। शिक्षकों द्वारा अपनी कक्षा के विद्यार्थियों को हर रोज फोन पर संपर्क कर होम बेस्ड मूल्यांकन प्रक्रिया की सतत मॉनीटरिंग भी की जाएगी, ताकि शत-प्रतिशत विद्यार्थियों द्वारा वर्कशीट पूरा किया गया है या नहीं। इसकी जानकारी मिल सकेगी। विद्यार्थियों को 15 दिन का समय दिया जाएगा। वर्कशीट में पूरे सवालों का जवाब देकर स्कूल में जमा करना होगा। जनवरी से मार्च तक मूल्यांकन होगा। इस सत्र में विद्यार्थियों के व्यवहारिक व सामाजिक गुणों को भी परखा जाएगा। इसमें अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन व वार्षिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट तैयार होगा। इसमें विद्यार्थियों के शैक्षिक व व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के आधार पर रिजल्ट में ग्रेडिंग किया जाएगा।
प्रोजेक्ट में घर वाले कर सकते हैं मदद
पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को सभी विषयों में प्रोजेक्ट दिया जाएगा। इसमें ऐसे विषयों पर प्रोजेक्ट दिया जाएगा, जिसे वे घरेलू सामानों से बना सकेंगे। इसमें घर के सदस्य, यानि माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी कोई भी मदद कर सकता है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों के पहली से आठवीं तक के बच्चों का मूल्यांकन घर से होगा। इसके लिए शिक्षक विद्यार्थियों के घर-घर जाकर वर्कशीट दी जाएगी। बता दें कि शिक्षा विभाग ने यह निर्णय कोरोना संक्रमण के चलते लिया है।