भोपाल: सायबर अपराधों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मध्य प्रदेश के सभी जिलों में कोतवाली थाने को सायबर नोडल थाना बनाया गया है। यहां जिले में कहीं भी सायबर अपराध होने पर प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई करने का प्रविधान है। सायबर अपराधों में शिकायतों पर ध्यान नहीं दिए जाने की लोगों की शिकायत के बाद यह व्यवस्था की गई है।
यहां पर यह मालूम हो कि सायबर अपराध से संबंधित प्रकरण दर्ज करने में जिला स्तर पर कुछ भी स्पष्ट नहीं होता था कि कहां प्रकरण दर्ज होगा! कहा जाता था कि विशेषज्ञ और संसाधन नहीं होने पर वे इस दिशा में अधिक काम करने में दक्ष नहीं हैं। इसी के निराकरण के लिए हर जिले में नोडल थाना बनाया गया है। प्रशिक्षण के बाद यहां पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। जिले में कहीं भी सायबर से संबंधित अपराधों की सूचना भी कोतवाली थाने भेजे जाने का नियम है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोतवाली थानों में पदस्थ कर्मचारियों को लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कोरोना काल में भी इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था की गई। जल्द ही 13 जोन में सायबर फारेंसिक लैब की सुविधा दी जाएगी। इससे सायबर अपराधों के मामले सुलझाने में और अधिक मदद मिलेगी।
सायबर अपराधी पुलिस से बचने के लिए नए-नए माध्यम अपनाते रहते हैं। देश में कहीं पर भी अनूठे सायबर ठगों की जानकारी नोडल थानों में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को दी जाती है। इसका उद्देश्य यह है कि संबंधित क्षेत्र के लोगों को जागरूक कर जालसाजों से बचाया जा सके।