Lunar Eclipse 2021 in MP: चंद्रमा पूर्वी क्षितिज के नीचे रहने से देश के कई हिस्सों में दिखाई नहीं देगा चंद्र ग्रहण और ब्लड मून

Lunar Eclipse 2021 in MP। बुधवार को चंद्र ग्रहण के कारण सुपर फ्लावर ब्लड मून की घटना होगी। हालांकि भारत में चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से नीचे रहने से देश के कई हिस्सों में चंद्र ग्रहण व ब्लड मून दिखाई नहीं देगा। सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आने की घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। इस स्थिति में पृथ्वी की छाया चंद्रमा की रोशनी को छुपा लेती है। जिसके कारण सूर्य की रोशनी जब पृथ्वी के वायुमंडल से टकराकर चंद्रमा पर पड़ती है तो चंद्रमा ज्यादा चमकीला दिखाई देता है। जब चंद्रमा पृथ्वी के पास धीरे-धीरे पहुंचता है तो वह ज्यादा चमकीला दिखाई देता है। इस कारण उसका आकार भी बड़ा दिखाई देता है। कुछ जगहों से देखने पर यह अलग-अलग रंगों में दिखाई देता है। इस घटना को सुपर फ्लावर ब्लड मून कहा जाता है।

आज वैशाख पूर्णिमा का दिन विशेष योग-संयोगों से भरा हुआ रहेगा। इस दिन वैशाख स्नान का समापन होगा। इसी दिन बुध राशि परिवर्तन कर स्वराशि मिथुन में गोचर करने जा रहा है और इसी दिन खग्रास चंद्रग्रहण भी लगने जा रहा है। इसके साथ ही एक विशेष खगोलीय घटना ‘सुपर फ्लावर ब्लड मून’ भी दिखाई देगी।

बुध स्वराशि मिथुन में करेगा प्रवेश : ग्रहों में राजकुमार कहलाने वाला बुध 26 मई को सुबह 8:55 बजे स्वराशि मिथुन में गोचर करेगा। मात्र पांच दिन बाद अर्थात् 30 मई को सूर्योदय पूर्व तड़के 4:05 बजे वक्री हो जाएगा और तीन जून को सूर्योदय पूर्व रात्रि में 2 बजकर 11 मिनट पर वक्री अवस्था में पुन: वृषभ राशि में लौट आएगा। इस प्रकार मात्र नौ दिनों में वापस मिथुन से वृषभ राशि में आ जाएगा। संयोग की बात यह कि तीन जून को ही प्रात: 6:14 बजे बुध पश्चिम में अस्त भी हो जाएगा। इसके बाद 7 जुलाई 2021 को प्रात: 11:05 बजे पुन: मिथुन राशि में गोचर करेंगे। बुध के इन परिवर्तनों से प्रकृति, पर्यावरण, मौसम और मनुष्यों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। लोगों की वाणी मृदु होगी, आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा, कार्यों को गति मिलनी शुरू होगी। रोगों पर लगाम लगेगी। मौसम में तेजी से बदलाव आएगा। गर्मी बढ़ेगी, आंधी, तूफान, वर्षा, वायुयान दुर्घटना की आशंका रहेगी।

वैशाख स्नान का समापन : एक माह से जो लोग वैशाख स्नान कर रहे थे, उसका समापन वैशाख पूर्णिमा पर होगा। पूर्णिमा तिथि 25 मई को रात्रि में 8:31 बजे से प्रारंभ होकर 26 मई को सायं 4:45 बजे पूर्ण होगी। वैशाख स्नान के समापन पर विधिवत भगवान विष्णु लक्ष्मी का पूजन करके ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को यथाशक्ति दान-दक्षिणा देना चाहिए।

ये भी खास दिन : 26 मई को बुद्ध जयंती और कूर्म जयंती भी है। इसी दिन अकाल मृत्यु और रोगों से मुक्ति के लिए यम के निमित्त जलकुंभ का दान किया जाता है। एक मिट्टी के कुंभ में जल भर कर दान देने से अकाल मृत्यु की आशंका टल जाती है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com