LPG उपभोक्ताओं के लिए यह एक जरूरी खबर है क्योंकि यह LPG Subsidy से जुड़ी सूचना है। जिन लोगों ने पिछले कुछ महीनों में रसोई गैस सिलेंडर LPG Cylinder खरीदा है, और वे सोच रहे हैं कि उनके खाते में सब्सिडी जमा नहीं हुई है। लेकिन यह सच नहीं है। सब्सिडी तो अभी भी खातों में आ रही है, बस इसकी राशि पहल से बहुत घट गई है। लाखों ग्राहकों को LPG Subsidy सब्सिडी का इंतजार लगातार है। गत 6 महीने से सरकार द्वारा इसे खाते में जमा न कराए जाने से वे परेशान हैं। लेकिन सच बात तो यह है कि सब्सिडी अभी भी मिल रही है लेकिन इसका मूल्य कम हो गया है। अब यह 18 रुपए, 19 रुपए, 20 रुपए, 21 रुपए के रूप में खातों में जमा की जा रही है। उपभोक्ताओं के खाते में आखिरी बार बढ़ी हुई सब्सिडी अप्रैल महीने में आई थी उसके बाद से ही यह बंद है। उपभोक्ताओं को सिलिंडर अब बाजार दर पर ही मिल रहा है। अक्टूबर माह में 14.2 किलो का रसोई गैस सिलिंडर 601 रुपए में मिला। कोरोना काल में भी सरकार ने घरेलू गैस सिलिंडर के दाम धीरे-धीरे बढ़ाए। सरकार ने यह बढ़ोतरी सिलिंडर के आधार मूल्य में की। ऐसे में स्थिति यह हुई कि सिलिंडर का आधार मूल्य और बाजार मूल्य बराबर हो गया। इसके चलते ही सब्सिडी ही बंद कर दी गई। पूर्व में सिलिंडर के आधार मूल्य और बाजार मूल्य के अंतर की राशि को ही उपभोक्ताओं के खाते में जमा करवाया जाता था। इस संबंध में इंदौर की पीहू इंडेन गैस एजेंसी के कार्यालय से पूछा गया तो जवाब मिला कि उपभोक्ताओं को घरेलू गैस सिलिंडर अब आधार मूल्य पर ही दिया जा रहा है। सरकार ने यह व्यवस्था मई माह से कर दी है इसी कारण उपभोक्ताओं के खाते में पहले की तरह सब्सिडी नहीं पहुंच रही है। लेकिन सब्सिडी बंद नहीं हुई है। यह अभी भी दी जा रही है। बस इसकी राशि बदल गई है। अब यह 18 से 21 रुपए के बीच में आ रही है।
जुलाई में प्राकृतिक गैस एवं पेट्रोलियम मंत्रालय ने इसका कारण बताया था। मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल MoPNG e-Seva द्वारा किए गए Tweet में कहा गया था कि एलपीजी सिलेंडर LPG Cylinder के दामों में कमी आने के कारण इनकी कीमतों में सब्सिडी का कोई अंश नहीं था। इसके चलते मई और जून में जिन गैस सिलेंडर Gas Cylinder की सप्लाई की गई, उनके लिए ग्राहकों के बैंक खातों Bank Accounts में सब्सिडी LPG Subsidy की राशि ट्रांसफर नहीं की गई। कोरोना संकट के चलते मई और जून दो महीनों में LPG सिलेंडर के अलावा अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में गिरावट बनी रही।
अप्रैल में 731 रुपए का था सिलेंडर, अब 620 रुपए का हो गया
अप्रैल माह में घरेलू सिलिंडर 731 रुपये का था। 14.2 किलोग्राम का यह सिलिंडर बिना सब्सिडी के मिलता रहा। इस पर उपभोक्ताओं के खाते में 147.67 रुपये की सब्सिडी आती रही। यह राशि खाते में सीधे जमा होती रही। सब्सिडी को कम कर दिया जाए तो सिलिंडर की वास्तविक कीमत 583.33 रुपये थी। लेकिन सब्सिडी काटने के बाद मई महीने में सिलिंडर की कीमत ही 583 रुपये कर दी गई। हालांकि इसके बाद जून, जुलाई और सितंबर में सिलिंडर की कीमत फिर बढ़ी और अब यह बिना सब्सिडी के 601 रुपये का हो गया है। अक्टूबर में सिलेंडर का मूल्य 620 रुपए हो गया है।
2013 से बढ़ी कीमत
सब्सिडी पैटर्न सरकर ने 2013 से लागू किया था। उस समय सिलिंडर का आधार मूल्य 420 रुपये निर्धारित था। रियायती दर और बाजार भाव के अंतर की राशि ही सब्सिडी के रूप में उपभोक्ताओं के खाते में जमा हो रही थी। जून 2020 में सिंलिडर की आधार कीमत बढ़ाकर 594.50 रुपये कर दी गई। वहीं जुलाई में यह कीमत 598 रुपये हो गई और सितंबर मे बढ़ाकर 601 रुपये कर दी गई। यानी सात साल में सिलिंडर की आधार कीमत 181 रुपए बढ़ा दी गई।