नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कई बार लोगों को नकदी के संकट का सामना करना पड़ता है, जिससे निपटने के लिए कर्ज लेना पड़ता है। भले ही आपको कई जगह से लों मिल जाता है लेकिन इसका सबसे आसान तरीका एफडी पर मिलने वाला लोन है। फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) ज्यादातर लोगों द्वारा पसंद और लोन के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं और सुरक्षित होने से सबसे लोकप्रिय वित्तीय साधनों में से एक माने जाते हैं। आपातकाल के दौरान, अपने निवेश को तोड़ने के बजाय आप लोन का विकल्प चुन सकते हैं।
जानकारों का कहना है कि व्यक्ति एफडी के खिलाफ कर्ज का विकल्प चुन सकता है जब कोई व्यक्तिगत कर्ज की तुलना में बेहतर कर्ज दर की तलाश कर रहा हो। आमतौर पर पर्सनल लोन पर ब्याज दर 14 फीसद से लेकर 30 फीसद सालाना तक होती है। आपके एफडी के बदले लोन लेने के बाद भी आपको जमा पर ब्याज मिलते रहता है।
हालांकि, यह समझना जरूरी है कि एफडी के बदले लोन बैंकों द्वारा दी गई ओवरड्राफ्ट सुविधा से अलग है। ओवरड्राफ्ट तब होते हैं जब बैंक ग्राहक को एक निश्चित सीमा तक अपने खाते से कुछ अतिरिक्त राशि निकालने की अनुमति देता है। इसके अलावा ग्राहक की प्रोफाइल और क्रेडिट स्कोर के आधार पर अन्य बातों के अलावा, ओवरड्राफ्ट क्रेडिट सीमा भी समय-समय पर बदलती रहती है। ओवरड्राफ्ट के मामले में भुगतान किया गया ब्याज आमतौर पर लोन पर दिए गए ब्याज से अधिक होता है।
एफडी के बदले लोन के क्या हैं फायदे, जानिए
- फिक्स्ड डिपॉजिट को तोड़ने की जरूरत नहीं है
- कम ब्याज दर
- किसी भी प्रकार के फिक्स्ड डिपॉजिट (घरेलू और एनआरआई एफडी) पर लाभ उठाया जा सकता है
- न्यूनतम दस्तावेज
- कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं