CBSE 12th Exam 2021: सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 को लेकर अहम फैसला किसी भी वक्त लिया जा सकता है। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस मामले पर एक बड़ी बैठक कर रहे हैं, जिसमें सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री और सचिव के साथ रमेश पोखरियाल, स्मृति ईरानी और प्रकाश जावड़ेकर हिस्सा ले रहे हैं। यह बैठक सुबह 11 बजे से वर्चुअली हो रही है। इससे पहले भी देश के शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल की अध्यक्षता में इस विषय पर एक बैठक की जा चुकी है, जिसमें रमेश पोखरियाल ने सभी राज्यों से सुझाव मांगे हैं।
अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार CBSE बोर्ड ने सिर्फ मुख्य विषयों की परीक्षा कराने का फैसला किया है। CBSE बोर्ड में पढ़ने वाले छात्रों के पास 174 विषयों में से 5 या 6 विषय चुनने का विकल्प होता है। इनमें आमतौर पर 4 विषय ही मुख्य होते हैं। इसका मतलब है परीक्षा होने पर अधिकतर छात्रों को सिर्फ 4 पेपर ही देने होंगे। 174 में से सिर्फ 20 विषय ही मुख्य विषय हैं बाकी विषयों की परीक्षा बोर्ड नहीं कराना चाहता है।
20 मुख्य विषयों में शामिल हैं ये विषय
बोर्ड जिन 20 विषयों की परीक्षा कराना चाह रहा है। उनमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान, व्यवसाय अध्ययन, लेखा, भूगोल, अर्थशास्त्र और अंग्रेजी का विषय शामिल है। सूत्रों के अनुसार बोर्ड ने शिक्षा मंत्रालय के सामने 2 तरीके से परीक्षा कराने प्रस्ताव रखा है। इन्हीं को लेकर आज मीटिंग में चर्चा होगी।
क्या है पहला विकल्प
पहले विकल्प में बोर्ड सभी मुख्य विषयों की परीक्षा आयोजित कराएगा। इसका मतलब है कि हर छात्र को अपने 4 मुख्य विषयों की परीक्षा देनी होगी। इसमें हिंदी की परीक्षा शामिल नहीं है। सत्री विषयों की परीक्षा पहले की तरह 3 घंटे की होगी और पेपर भी हमेशा की तरह ही होगा। बाकी विषयों के नंबर भी इन्हीं विषयों में प्राप्त नंबरों के आधार पर दिए जाएंगे। इस तरीके से परीक्षा कराने में परीक्षा की तैयारियों में एक महीने का समय लगेगा और परीक्षा होने और रिजल्ट आने में 2 महीने का समय लगेगा। इसके बाद पूरक परीक्षाओं के लिए भी 45 दिन का समय रखना होगा। ऐसे में अगर बोर्ड के पास तीन महीने का समय होता है तभी ये परीक्षाएं आयोजित हो सकेंगी।
क्या है दूसरा विकल्प
दूसरे विकल्प के तहत बोर्ड सिर्फ एक भाषा और तीन मुख्य विषयों की परीक्षा लेगा। तीन मुख्य विषयों का चनय छात्र खुद करेंगे। हालांकि ये परीक्षा पहले की तरह तीन घंटे की न होकर सिर्फ 1.30 घंटे की होगी। इसमें छात्रों से सिर्फ ऑब्जेटिव टाइप और छोटे सवाल पूछे जाएंगे। पांचवे और छठवें विषय के नंबर तीन मुख्य विषयों के नंबरों के आधार पर दिए जाएंगे। अगर बोर्ड इस विकल्प का चुनाव करता है तो परीक्षा दो चरणों में कराई जाएगी। दोनों चरणों को दो सप्ताह के अंतराल पर आयोजित किया जाएगा। पहले चरण में उन जगहों पर परीक्षाएं होंगी जहां कोरोना के हालात बेहतर हैं और दूसरे चरण में बाकी जगहों पर परीक्षाएं होंगी। अगर कोई छात्र कोरोना के चलते परीक्षा में शामिल नहीं होता है तो उसे बाद में परीक्षा देने का मौका मिलेगा।
14 मई को रद्द हुई थी 10वीं की परीक्षा
इससे पहले 14 मई के दिन CBSE बोर्ड ने 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी थी और 12वीं की परीक्षाएं आगामी आदेश तक स्थगित कर दी थी। इसके बाद 1 मई के दिन बोर्ड ने 10वीं के छात्रों का रिजल्ट बनाने के लिए स्कीम का ऐलान किया था। 12वीं की परीक्षाओं पर बोर्ड ने कहा था कि 1 जून के दिन कोरोना के हालातों की समीक्षा के बार परीक्षाओं के आयोजन पर फैसला होगा। अगर परीक्षाएं आयोजित कराई जाती हैं तो छात्रों को तैयारी के लिए कम से कम 2 हफ्ते का समय दिया जाएगा। आज होने वाली मीटिंग में यह फैसला लिया जाएगा कि किस तरीके से 12वीं की परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी।
हर राज्य में 12वीं की परीक्षाएं स्थगित
CBSE बोर्ड के बाद देश के सभी राज्यों में 12वीं की परीक्षाएं स्थगित हो चुकी हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर NTA जेसी परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं।