रायपुर। Job Opportunity: छत्तीसगढ़ियों को स्थानीय कारखानों में नौकरी मिलेगी। सरकार ने इसके लिए ठोस प्रयास किया है। छत्तीसगढ़ के लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार इंजीनियरों को राज्य में ही कार्य उपलब्ध हो सकेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माण कार्यों में ठेकेदारों से होने वाले अनुबंध में इंजीनियरों की नियुक्ति की बाध्यता का प्रावधान किया गया है।
इस बाध्यता के तहत डिप्लोमा इंजीनियर को 15 हजार रुपए प्रतिमाह, डिग्रीधारी इंजीनियर को 25 हजार रुपए प्रतिमाह तथा प्रोजेक्ट मेनेजर को 50 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन देने का प्रावधान किया गया है। इस नियम के तहत अब तक ठेकेदारों द्वारा 34 डिप्लोमा इंजीनियरों, 64 डिग्री इंजीनियरों तथा दो प्रोजेक्ट मैनेजर को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
छत्तीसगढ़ में गड्ढ़ा मुक्त सड़क योजना
लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में पिछले दो वर्षों में सड़कों की मरम्मत, रख-रखाव और विस्तार में तेजी आई है। मंत्री ने बताया कि वे सड़कों की गुणवत्ता को लेकर काफी गंभीर हैं और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार अंतिम देयक भुगतान के पहले सड़कों की गुणवत्ता की जांच थर्ड पार्टी से कराना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में सड़कों की मरम्मत के तहत राज्य के क्षतिग्रस्त मार्गों में व्यापक सुधार किया गया। इसे ध्यान में रखते हुए आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य में गड्ढ़ा मुक्त सड़क बनाने की योजना है। मंत्री साहू ने बताया कि सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता में सुधार के लिए ठेकेदारों से होने वाले अनुबंध में परफारमेंस गारंटी की अवधि तीन वर्ष से बढ़ा कर पांच वर्ष किया गया है। इससे निर्माण कार्यों में कार्य एजेंसी की जवाबदेही बढ़ेगी और भविष्य में सड़कों की मरम्मत व्यय में कमी आएगी।
पुल बनते ही मिली राहत
अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीणों को अब बरसात के दिनों के आवागमन के लिए परेशानियों को सामना नहीं करना पड़ेगा। सुकमा जिले के ग्राम गंजेनार से होकर बहने वाली शबरी नदी में पुल बन जाने से छह पंचायत के ग्रामीणों को आवाजाही में सुविधा हो रही है। वहीं, बरसात के दिनों में नदी उफान में होने पर नदी पार करने में जो जान का जोखिम बना रहता था, उससे राहत मिल गई है। इस पुलिया निर्माण से सीमावर्ती राज्य ओडिशा के ग्रामीणों को भी आवामगन की सुविधा हो गई है।
45 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी से मिली निजात
सुकमा जिला मुख्यालय से लगभग 28 किलोमीटर दूर शबरी नदी पर 500 मीटर पुल के निर्माण हो जाने से ग्राम गजेनार वासियों के साथ ही कोडरीपाल, कावसीरास, बोरगुड़ा, गुम्मा, तालनार, एवं बुड़दी के ग्रामीणों को आवामगन में होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिल गई है। पहले क्षेत्रवासियों को शबरी नदी के दूसरे छोर पर बसे गांव में जाने के लिए पुजारीपाल, धोबनपाल, तालनार से होकर जाना पड़ता था, जिससे उन्हें लगभग 45 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती थी। ग्रामीण नाव से नदी पार करते थे जिससे जान का जोखिम बना रहता था। अक्सर नदी पार करते वक्त हादसा हो जाता था। बरसात के मौसम में शबरी नदी उफान में होने के कारण नाव भी अनुपयोगी हो जाता था। आवश्यकता होने पर ग्रामीणों को मजबूरी में सुकमा होते हुए नदी पार करके जाना पड़ता था। अब वे पुल के माध्यम से कम समय में आसानी से नदी पार बसे गांवों में आवागमन कर सकते है। उल्लेखनीय है कि उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने क्षेत्रवासियों से किए गए अपने वादों को पूरा करते हुए 09 फरवरी 2021 को छिंदगढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत गंजेनार में शबरी नदी पर निर्मित इस पुल का शुभारंभ किया था। राज्य सरकार द्वारा वहां की स्थानीय जनता को सुगम यातायात की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दुर्गम क्षेत्रों के नदी-नालों पर पुल का निर्माण किया जा रहा है।