जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद आतंकवादी घटनाएं सामने आई है। आतंकवादियों ने दो लोगों का आपहरण कर उनमें से एक की हत्या कर दी है।
श्रीनगर,एजेंसी। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद आतंकवाद की घटनाएं सामने आई हैं।आतंकवादियों ने सोमवार को पुलवामा जिले में खानाबदोश गुर्जर समुदाय के दो सदस्यों का अपहरण कर लिया और फिर उनमें से एक की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना की जानकारी पुलिस ने दी है। साथ ही, पुंछ क्षेत्र में पाकिस्तान द्वारा सोमवार को फिर से सीजफायर का उल्लंघन किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर के हालात पर केंद्रीय गृह मंत्रालय आज (मंगलवार) एक उच्च स्तरीय बैठक करने जा रहा है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि राजौरी जिले के अब्दुल कादिर कोहली और श्रीनगर के खोनमोह इलाके के मंज़ूर अहमद का अज्ञात बंदूकधारियों ने ‘ढोक’ से अपहरण कर लिया था। उन्होंने आगे कहा कि कोहली का बुलेट से छलनी शरीर बाद में खोज और बचाव दल ने बरामद किया। फिलहाल दूसरे व्यक्ति का पता नहीं चल पाया है। उसकी खोज के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है।
विकास की राह पर जम्मू-कश्मीर के युवा
जम्मू-कश्मीर के युवा कामयाबी का परचम लहराते हुए विकास की राह पर बढने लगे हैं। इस नए माहौल में राजौरी की बेटी इरमिम शमीम और उधमपुर के सुरेश सिंह इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। जून में राजौरी जिले की इरमिम शमीम ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की प्रवेश परीक्षा पास कर ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है। साथ ही, सुरेश सिंह ने कश्मीर प्रशासनिक सेवा में 10 वीं रैंक हासिल कर ली है।
इन दोनों ने काफी मुश्किलों का सामना करने के बाद ये मुकाम हासिल किया है। जानकारी के अनुसार, एम्स में दाखिला लेने वाली वह जिले की पहली गुर्जर लड़की है। वहीं, सुरेश एक बुक-बाइंडर है, जिसने प्रशासनिक सेवा में 10 वीं रैंक प्राप्त की है।
पुंछ में भी संघर्ष विराम का उल्लंघन
पुंछ में 2 स्थानों में संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ है। डेलिना चौक के क्षेत्र में पुलिस और सेना द्वारा संयुक्त चेक-पोस्ट के बाद एक आतंकवादी को ट्रक में आग लगाने के बाद गिरफ्तार किया गया था। वहीं, एक दूसरा आतंकवादी पास के इलाके में घुस गया। फिलहाल, सर्च ऑपरेशन जारी है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा हटा दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। विभाजन की घोषणा के बाद इस तरह की ये पहली आतंकवादी घटना सामने आई है। गौरतलब है केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद घाटी में प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि, अब कश्मीर के अधिकतर इलाकों से प्रतिबंध हटा दिया गया है।