जबलपुर: कोरोना महामारी की चेन ब्रेक करने के लिए लगाए गए लाकडाउन में सड़कों के किनारे रहने वाले मजदूरों और अन्य जरूरतमंदों को खाना देने के लिए संस्थाओं ने तैयारी कर ली है। इसके अलावा पुलिस और प्रशासन भी इसके लिए सक्रिय है। संस्थाओं के लोगों ने 12 अप्रैल की रात से 22 अप्रैल तक लग रहे लाकडाउन में जरूरत मंदो को भोजन बांटने के लिए अनुमति प्रशासन से लेना शुरू कर दी है।
हॉस्टल में रहने वाले बच्चों को भी होती है परेशानी: हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के पास भी कई बार खाना नहीं पहुंचने पर परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि ऑनलाइन क्लास के कारण अभी कुछ ही हॉस्टल में बच्चे रह रहे है। लेकिन उन हॉस्टल की पुलिस ने लिस्ट तैयार की है। इसके लिए सभी थाना प्रभारियों ने अपने क्षेत्र के हॉस्टल की जानकारी रखी है और उनके हॉस्टल में थाने और थाना प्रभारी का नंबर भी दिया है। साथ ही वार्डन को स्पष्ट निर्देश दिए है कि यदि खाने से लेकर बच्चों को कोई समस्या होती है, तो वह उन्हें तत्काल फोन करें। पुलिस उनकी मदद के लिए हमेशा तत्पर है।
ज्यादातर लोगों को घर भिजवाने की तैयारी: पुलिस और प्रशासन इस बात पर भी ध्यान दे रहा है कि लॉकडाउन में बाहर से शहर में आकर मजदूरी करने वाले नहीं फंसे। उनके बाहर जाने के लिए इंतजाम भी किया जा रहा है। इसके अलावा आसपास के गांव से आकर मजदूरी करने वाले भी अपने घर सोमवार को जाएगे। यदि उनको जाने में कोई परेशानी होती है, तो उनकी भी सहायता की जाएगी।
वॉलेटियर्स भी करते रहेंगे निगरानी: पुलिस ने लाकडाउन में वॉलेटियर्स को भी सहयोग के लिए शामिल कर लिया है। वॉलेटियर्स शहर में घूमते हुए सभी पर नजर रखेंगे और यदि कोई को कुछ समस्या होगी, तो संबंधित थाने में सूचना देंगे।