आक्सीजन के दो टैंकर लेकर झारखंड के बोकारो रेलवे स्टेशन से रवाना हुई एक्सप्रेस सुबह साढ़े पांच बजे जबलपुर के भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन पहुंची। कटनी के एनकेजे रेलवे स्टेशन पर रात दो बजे दो आक्सीजन टैंकर में से एक को मंडीदीप रवाना किया गया और दूसरे को भेड़ाघाट लाया गया।
दोपहर तकरीबन 12 बजे यह ट्रेन मंडीदीप पहुंची।
दरअसल पहले एक टैंकर को सागर के मकरोनिया रेलवे स्टेशन पर उतारना था, लेकिन ऐन वक्त पर प्रदेश सरकार ने रेलवे को निर्देश दिया कि वह टैंकर मकरोनिया की बजाए मंडीदीप में उतारा जाए।
22.75 मीट्रिक टन आक्सीजन आई: इस ऑक्सीजन एक्सप्रेस के 02 टैंकरों में 22.75 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) भरी थी। भारतीय रेलवे द्वारा संचालित आक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों के माध्यम से देश भर में कोविड-19 मरीजों के लिए पर्याप्त मेडिकल आक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है। रेलवे ने अब तक देश भर के विभिन्न राज्यों के लिए 27 आक्सीजन एक्सप्रेस से 103 टैंकरों में 1547 मीट्रिक टन लिक्विड आक्सीजन पहुंचाया है।
1016 किमी का बनाया ग्रीन कॉरीडोर: बोकारो से मकरोनिया (सागर) तक के लिए 1100 किलोमीटर और भेड़ाघाट (जबलपुर) तक के लिए 1016 किलोमीटर की दूरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने तय की। इन दौरान ग्रीन कॉरीडोर में सुरक्षा और संरक्षा के खास इंतजाम किए गए । ट्रेन के साथ आरपीएफ के जवान लगे रहे, ताकि सफर में किसी तरह की परेशान न आए। इस ट्रेन के साथ अनुभवी ड्राइवर और आरपीएफ के जवान साथ चल रहे हैं । रेलवे ने लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के ओवर डायमेंशन कंसाइनमेंट (ODC) होने के कारण इस कंटेनर के क्रायोजेनिक लोड होने की वजह से रेलवे द्वारा इसकी गति पर खास तौर पर ध्यान दिया।