शहर के आस-पास कुछ ऐसे ढाबे खुल गए हैं जो अवैध तरीके से शराब बेचने और पिलाने के अड्डे बन चुके हैं। इनके पास न तो आबकारी विभाग से बार का लाइसेंस था, न ही नगर निगम से खाद्य और अन्य गतिविधियों की कोई अनुमतियां थीं। अवैध निर्माण करके यह ढाबा संचालक शासन के राजस्व की भी चोरी कर रहे थे।
सोमवार को नगर निगम, आबकारी और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में अवैध तरीके से चल रहे इन ढाबों और अवैध शराब पिलाने के अड्डों को ढहा दिया गया। इनमें एबी रोड पर लसुड़िया मोरी स्थित मिडलैंड ढाबा, नावदा पंथ स्थित होटल सुकून, राऊ-तेजाजी नगर के बीच बायपास रोड पर स्थित बल्ले-बल्ले ढाबा और गांधी नगर का महाकाल ढाबा शामिल हैं। मिडलैंड ढाबा संचालक के खिलाफ अवैध तरीके से शराब पिलाने के आठ-दस प्रकरण पहले से बने हुए हैं, फिर भी वह अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहा था। इसी तरह होटल सुकून, बल्ले-बल्ले ढाबा और महाकाल ढाबा संचालक में से सभी पर अवैध तरीके से शराब पिलाने के अलग-अलग आठ-दस प्रकरण दर्ज हैं।
आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त राज नारायण सोनी ने बताया कि यह ढाबे आबकारी विभाग के नियमों का लगातार उल्लंघन कर अवैध तरीके से शराब बेचते और बिठाकर पिलाते थे। इनके पास बार के लायसेंस न होने के बावजूद ढाबे को बार की तरह चलाते थे। अवैध शराब और नशे के खिलाफ प्रशासन, पुलिस और आबकारी विभाग का संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है। यह कार्रवाई उसी अभियान का हिस्सा है। बताया जाता है कि आबकारी विभाग ने ऐसे कुछ और ढाबे चिन्हित किए हैं, जो अवैध तरीके से शराब पिलाने का काम करते थे। आने वाले दिनों में उनके खिलाफ भी कार्रवाई तय है।