Indore News। शहर में गुरुवार शाम आई तेज आंधी के कारण वगभग 100 छोटे-बड़े पेड़ जड़ से उखड़ गए। इसके अलावा तेज आंधी से सैकड़ों जगह पेड़ों की टहनियां गिर गईं, जिनकी गिनती ही संभव नहीं है। नगर निगम अफसरों का कहना है कि रातभर जहां-जहां गिरे पेड़ और टहनियों को हटाने का काम होता रहा। शुक्रवार सुबह निगम की टीम फिर पेड़ हटाने में भिड़ी।
आंधी के कारण खास तौर पर जोन- 10, 11, 18 और 19 में ज्यादा नुकसान हुआ है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने उद्यान विभाग के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी पेड़-टहनियां हटाने के काम में लगाने के निर्देश दिए। उद्यान विभाग ने इतनी बड़ी संख्या में पेड़ गिरने के कारण 10 अतिरिक्त डंपर और 10 बुलडोजर देने की मांग की है। विभाग के फिलहाल दो बुलडोजर और दो जोन के बीच एक डंपर है।
उद्यान विभाग के अधिकारियोें ने बताया कि पूर्वी रिंग रोड, बिचौली रोड और कनाड़िया रोड जैसी सड़कों पर कई पेड़ या टहनियां पड़ी हैं। निगम की टीमों ने सड़क पर गिरे पेड़ों को तो हटा दिया है, लेकिन अब अगले दो-तीन दिन उन्हें उठाने का काम होगा। टहनियां ट्रेंचिंग ग्राउंड भिजवाई जा रही हैं, जबकि जड़ समेत गिरे पेड़ों को बिचौली रोड (सिटी फारेस्ट) स्थित लकड़ी डिपो भेजा जा रहा है। इन लकड़ियों का उपयोग ठंड में अलाव जलाने में होता है।
जो पेड़ गिरे, उनमें से ज्यादातर 1980-90 के बीच लगे
निगम के उद्यान अधिकारी कैलाश जोशी बताते हैं कि जो पेड़ आंधी में गिरे हैं, उनमें से ज्यादातर 1980 से 1990 के बीच सामाजिक वानिकी योजना में लगाए गए थे। इनमें पेल्टाफार्म, गुलमोहर, शिवबबूल और यूकेलिप्टस जैसे पेड़ हैं, जो अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं। इन पेड़ों की आयु 30 से 40 साल के बीच होती है। इसके अलावा कच्चे हो चुके नीम और आम के पेड़ भी गिरे हैं। उद्यान विभाग की टीम ने शुक्रवार सुबह 4 बजे तक काम किया और फिर सुबह नौ बजे से पेड़ हटाने में जुट गई है।