भारत और श्रीलंका के बीच तीन मैचों की सीरीज का दूसरा टी-20 इंटरनेशनल मैच 28 जुलाई को कोलंबो को आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेला गया। आखिरी ओवर तक खिंचे मैच में श्रीलंका ने चार विकेट से जीत दर्ज कर सीरीज में वापसी की और 1-1 से बराबरी हासिल कर ली है। सीरीज का निर्णायक मैच आज इसी मैदान पर खेला जाएगा। क्रुणाल पांड्या के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद इस सीरीज के बाकी बचे दो मैचों पर तलवार सी लटकने लगी थी। क्रुणाल पांड्या के क्लोज कॉन्टैक्ट में आए आठ भारतीय खिलाड़ी सीरीज के बाकी बचे मैचों से आउट हो गए, ऐसे में टीम इंडिया इस मैच में चार एकदम नए खिलाड़ियों के साथ खेलनी उतरी। नीतीश राणा, ऋतुराज गायकवाड़, देवदत्त पडीक्कल और चेतन सकारिया ने इस मैच के साथ टी20 इंटरनेशनल डेब्यू किया। हार के बावजूद कप्तान शिखर धवन टीम के प्रदर्शन से ज्यादा निराश नजर नहीं आए।मैच के बाद धवन ने कहा, ‘विकेट काफी स्लो था, हमें पता था कि टीम में एक बल्लेबाज कम है, तो हमें स्मार्टली खेलना होगा और पारी को आगे बढ़ाना होगा। हमने 10-15 रन कम बनाए थे। इससे मैच के रिजल्ट पर फर्क पड़ा। मुझे अपने लड़कों पर गर्व है। कभी ना हार मानने वाला एटिट्यूड शानदार है। मैं लड़कों को सलाम करता हूं कि वे मैच को आखिरी ओवर तक खींच ले गए।’ भारत ने श्रीलंका को महज 133 रनों का लक्ष्य दिया था, लेकिन बावजूद इसके श्रीलंकाई टीम आसानी से जीत नहीं दर्ज कर सकी।
श्रीलंका ने एक बार फिर टॉस जीता और भारत के खिलाफ पहले गेंदबाजी का फैसला लिया। कप्तान शिखर धवन ने 40 रनों की पारी तो खेली, लेकिन इसके लिए उन्होंने 42 गेंदों का सामना किया। डेब्यू करने वाले गायकवाड़ ने धवन के साथ पारी का आगाज किया, लेकिन 18 गेंद पर 21 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद देवदत्त पडीक्कल आए और 29 रनों की पारी खेली। पडीक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया। संजू सैमसन ने एक बार फिर निराश किया और महज 7 रन बनाकर आउट हुए, जबकि नीतीश राणा भी 9 रन से आगे नहीं बढ़ सके। भारत ने 20 ओवर में पांच विकेट पर 132 रन बनाए। अकीला धनंजय ने दो विकेट लिए। जवाब में श्रीलंका ने 19.4 ओवर में छह विकेट पर 133 रन बनाकर मैच अपने नाम किया। धनंजय डि सिल्वा 34 गेंद पर 40 रन बनाकर नॉटआउट लौटे और मैन ऑफ द मैच चुने गए।