रायपुर। Health News: तीन दिवसीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत आज से हो गई है। 31 जनवरी से शुरू अभियान दो फरवरी तक चलेगा। इसके लिए प्रदेश में 14 हजार बूथ बनाए गए हैं। राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अमर सिंह ठाकुर ने कहा कि इसके पश्चात भी पोलियो का खतरा बना हुआ है। विश्व के तीन देश (पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नाइजीरिया) में पोलियो का संक्रमण अभी भी जारी है। इसमें से दो देश हमारे पड़ोसी देश हैं इस कारण पोलियो का खतरा भारत में हमेशा बना रहता है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने पल्स पोलियो के सफल संचालन के लिए राज्य भर में लगभग 14,396 पोलियो बूथ बनाए गए हैं और लगभग 28,800 घर-घर भ्रमण दलों का गठन किया गया है। अभियान के दौरान लगभग 35.81 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान में पांच साल तक के बच्चों को 31 जनवरी को पोलियो बूथ पर और एक व दो फरवरी को घर-घर जाकर छूटे हुए बच्चों की पहचान कर उन्हें पल्स पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी।
इधर, स्वास्थ्य मंत्री माननीय टीएस सिंहदेव ने राज्य के समस्त अभिभावकों से अपील की है कि वह अपने घर तथा आसपास के पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों को पोलियो बूथ पर ले जाकर पल्स पोलियो की खुराक अवश्य पिलाएं और राष्ट्रीय पल्स पोलियो के कार्य में सहयोग कर देश को प्रदेश को अपने जिले को अपने गांव को अपने घर को पोलियो मुक्त करना, हम सब का सामाजिक दायित्व भी है।
बता दें कि शहरी क्षेत्रों के बूथों की मॉनिटरिंग के लिए पांच अधिकारी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 15 अधिकारियों को नियुक्ति किया गया है। बूथ में किसी प्रकार की लापरवाही न हो इसके लिए मॉनिटरिंग अधिकारी लगातार बूथों का मुआयना करते रहेंगे। इसके लिए राज्य के सभी जिलों में विभिन्न सार्वजनिक भवनों, बस स्टैंड आदि में टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों में बच्चों को पोलिया की खुराक पिलाने के लिए शासकीय कर्मचारियों और मितानिनों सहित अन्य कर्मियों को मिलाकर टीकाकरण दलों का गठन किया गया है।
मास्क और शारीरिक दूरी भी जरूरी
अभियान को कोविड-19 की गाइडलाइन अनुसार ही मनाया जाएगा, जिसमें मास्क पहनना, दो गज की दूरी बनाए रखना, साबुन से हाथ धोना, शारीरिक दूरी का पालन भी किया जाएगा। अभियान के तहत सभी जिले के पहुंच विहीन दूरस्थ क्षेत्रों, झुग्गी झोपड़ी, मलीन बस्ती, ईट भट्ठा, अस्थाई बसाहटों आदि क्षेत्रों के बच्चों को दवा पिलाई जाएगी।
चलित जनसंख्या के हितग्राही बच्चों को बस स्टैंड और रेल्वे स्टेशन पर ट्रांजिट दलों के माध्यम से बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। मेला और हाट बाजारों में भी दवा पिलाने के लिए दलों को तैनात किया जाएगा। शहर के बड़े आवासीय क्षेत्रों में ही पोलियो बूथ सेंटर बनाया गया है। प्रदेश में पोलियो के एक भी प्रकरण नहीं मिला है, लेकिन आगामी कुछ साल तक बच्चों को पोलियो की दवा नियमित देना जरूरी है, ताकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।