Gwalior Crime News: ग्वालियर, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में पुलिस के सामने कई चुनौतियां थीं। फ्रंटलाइनर के रूप में काम करते हुए एसपी अमित सांघी, तीन थाना प्रभारियों सहित 185 के लगभग जवान संक्रमित हुए थे। संक्रमण से दो प्रधान आरक्षकों को मौत भी हो गई। इस सबके बीच गुरुवार को एक सुखद खबर आई कि जिला पुलिस पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो गई है। आधिकारिक रूप से कोई जवान संक्रमित नहीं है। वहीं पहली लहर में 179 जवान संक्रमित हुए थे। अच्छी बात यह रही थी कि पहली लहर में किसी भी जवान की मौत नहीं हुई थी।
इन चुनौतियों का सामान किया-
कोरोना कर्फ्यू का पालन कराना: दूसरी लहर ने प्रदेश के साथ-साथ ग्वालियर में हाहाकर मचा रखा था। प्रतिदिन करीब 1200 लोग संक्रमित हुए। कोरोना की चेन तोड़ने कोरोना कर्फ्यू लगाया गया, जो डेढ़ माह तक चला। इस अवधि में पुलिस ने सड़कों पर खड़े होकर 99 प्रतिशत लोगों को मास्क लगाने के लिए दबाव बनाया। इसके अलावा शारीरिक दूरी का पालन कराया। इसी कारण संक्रमण की चेन तोड़ने में सफल रहे।
आक्सीजन उपलब्ध कराई: आक्सीजन की किल्लत शुरू होने पर लोगों की सांसें टूट रही थीं। पुलिस ने परंपरागत पुलिसिंग से हटकर वर्कशापों से आक्सीजन सिलिंडर जुटाए और अस्पतालों तक पहुंचाकर लोगों की जान बचाईं।
कंटेनमेंट जोन की निगरानी की: पुलिस ने लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए कंटेनमेंट जोन की निगरानी की। इसके अलावा डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा प्रदान की।
वर्जन-
संक्रमण के दौर में फ्रंट लाइन पर कार्य करने के कारण तमाम सावधानियां बरतने के बाद भी अधिकारी व जवान संक्रमित हुए थे। इनको पुलिस लाइन में आइसोलेट किया और इनके स्वास्थ्य पर सतत निगरानी की। संक्रमित जवानों को मोटिवेट करने के लिए अधिकारी उनके संपर्क में रहे। पुलिस लाइन में भाप स्टेशन भी बनाया गया। गुरुवार को आधिकारिक रूप से पुलिस में कोई संक्रमित नहीं है।