Gwalior Corona Alert News: कोरोना संक्रमण के दहशत का अहसास कराने वाले रोज के आंकड़े, अस्पतालों से आने वाली शिकायतें-किस्से, बाजारों में रोज के हुजूम और टूटती कोरोना गाइडलाइन,कहीं दवा की किल्लत तो कहीं बदइंतजामी के आरोप। क्या ग्वालियर में कोरोना नियंत्रण को लेकर सबकुछ ठीक नहीं है, अगर है तो आखिर चल क्या रहा है। रोज आमजन के जहन में आने वाले इन सवालों का सीधा जवाब आपको ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह देंगे। कलेक्टर श्री सिंह से सीधे सवालों के जवाब नईदुनिया के इंटरव्यू के माध्यम से आपको मिलेंगे।
कलेक्टर काैशलेंद्र विक्रम सिंह से सीधी बातः
सवाल: कोरोना का आंकड़ा 700 तक पहुंच गया है,बेड,अस्पताल,इलाज और दवाओं को लेकर आपके जिले में क्या स्थिति है,लोगों में अलग-अलग तरह की अफवाह हैं?
जवाब: ग्वालियर में कोरोना का संक्रमण कितना भी बढ़ जाए,हमारे पास न बेड की कमी होगी न अस्पतालों की,सरकारी,निजी के बाद नर्सिंग कॉलेज से लेकर दूसरे ढांचे हमने चिन्हित कर रखे हैं। रेमडेसिविर की मेडिकल कॉलेज से लेकर निजी अस्पतालों में कोई कमी नहीं है। बुधवार को ही 280 इंजेक्शन आए हैं। 100 बेड भोपाल से ग्वालियर गुरूवार को आ रहे हैं। अन्य दवाएं भी पर्याप्त हैं।
सवाल: ऑक्सीजन को लेकर प्रदेश में हायतौबा मची है,ग्वालियर में ऑक्सीजन की क्या स्थिति है,कब तक के लिए हमारे पास ऑक्सीजन है,क्या संसाधन हैं?
जवाब: ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता है। हमारे पास एक एएसयू, तीन वेंडर हैं, दो वेंडर औद्योगिक ऑक्सीजन वाले ले लिए हैं, तीन बुलेट टैंकर हैं, जो लगातार भिलाई से ऑक्सीजन ला रहे हैं। हम सीधे सप्लाई लेने वाला जिला बन गए हैं। लोग बिल्कुल निश्चिंत रहें।
सवाल: कोरोना के मरीजों को भर्ती करने के बाद उनकी देखरेख यानी पैरामेडिकल स्टाफ की बड़ी चुनौती है,मरीजों को अटेंड करने से लेकर उनकी स्थिति अस्पतालों में नहीं बताई जा रही है,इससे लोग घबरा जाते है?
जवाब: पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए संबंधित विभाग को अपने स्तर पर भर्ती करने के अधिकार दे दिए गए हैं, नर्सिंग स्टाफ को लिया जा रहा है। छुटिटयों पर रोक लगाई गई है। जिला अस्पताल व सुपर स्पेशियलिटी के बाहर हेल्प डेस्क बनाई गई है,राजस्व की टीम व अलग से हर सूचना व मरीज की स्थिति बताने डाक्टर बैठाए गए हैं।
सवाल: कोरोना गाइडलाइन के पालन को लेकर निगरानी कम कर दी गई है,रोज बाजारों की भीड़ के फोटो व सूचना लोग इंटरनेट मीडिया पर डाल प्रशासन को चेता रहे हैं, सिर्फ चालान पर फोकस किया जा रहा है,यह भी आरोप है। कैसे भीड़ नियंत्रण किया जाएगा?
जवाब: कोरोना गाइडलाइन के पालन के लिए इंसीडेंट कमांडरों से लेकर पुलिस बल डयूटी पर है,बाजारों में खरीदारी को भीड़ उमड़ रही है,इसलिए इंसीडेंट कमांडरों को अपने स्तर पर कर्फ्यू लगाने के अधिकार दिए हैं, जहां ज्यादा संक्रमण है उन वार्डाें में लाकडाउन किया गया है। भीड़ नियंत्रण के लिए धर्मगुरू से लेकर जनप्रतिनिधि व आमजन से अपील कर रहे हैं। लोगों को भी खुद संयम बरतना जरूरी है।
सवाल: कोरोना कर्फ्यू लगाने से कारोबार प्रभावित होता है,रोज कमाने-खाने वालों के लिए संकट होगा। पिछले झटके से कारोबार-व्यापार नहीं उभर सका है,क्या कर्फ्यू ही हल है,इसके अलावा दूसरे विकल्पों पर विचार क्यों नहीं किया जा रहा?
जवाब: संक्रमण लगातार बढ़ रहा है, सभी जनप्रतिनिधिगण व क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों की सहमति पर कोरोना कर्फ्यू सात दिन के लिए संक्रमण को रोकने के लिए लगाया जा रहा है। हर आवश्यक सेवा को बहाल रखा गया है,मजदूरी करने वालों से लेकर औद्योगिक इकाई चलती रहेंगी। वैक्सीनेशन को लेकर अभियान चलाया जा रहा है, गाइडलाइन का ज्यादा से ज्यादा पालन ही हम सभी को सुरक्षित रखेगा,इस पर हमारा फोकस है।