रायपुर। Fraud On Corona Treatment: महामारी के इस संकट की घड़ी में अधिकांश निजी अस्पतालों इसे अवसर बना लिए है। स्थिति यह है कि इलाज के नाम पर फर्जी तरीके से लाखों रुपये की बिल वसूली और मनमानी चरम पर है। इधर लगातार शिकायत और इंटरनेट मीडिया में उठते सवालों के बीच जिला स्वास्थ्य विभाग भी कार्रवाई के लिए मजबूर हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने शिकायत पर राजधानी के जय अंबे अस्पताल, मित्तल अस्पताल और महामाया अस्पताल को नोटिस थमाया है। वहीं, रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस और पैथ काइंड पैथोलाजी लैब द्वारा कोरोना जांच के बाद संक्रमित मरीजों की समय पर जानकारी अपलोड न करने को लेकर नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि मित्तल इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीज चंद्रशेखर नायक से शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक राशि वसूलने की शिकायत की है। जय अंबे अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कोरोना इलाज के लिए भर्ती मरीज मनोज साव से इलाज के नाम पर दर से कई गुना अधिक राशि वसूली गई।
वहीं, पैथालाजी शुल्क भी शासकीय दर से अधिक वसूला गया है। विभाग ने नोटिस भेज तत्काल जवाब मांगा है। बता दें कि विभाग ने हाल ही में राजधानी के बांठिया अस्पताल को फर्जी बिल देकर लाखों रुपये वसूली मामले में 15 दिनों के लिए सस्पेंड किया था। वहीं, बिस्तरों की गलत जानकारी देने पर श्री बालाजी अस्पताल मोवा, हेरिटेज अस्पतल को नोटिस भेजा था।
आक्सीजन सप्लाई बाधित मरीज की मौत
स्वस्थ्य अधिकारियों ने बताया कि महामाया अस्पताल खरोरा में कोरोना इलाज के लिए भर्ती मरीज अशोक कुमार देवांगन के इलाज के दौरान आक्सीजन सप्लाई सप्लाई बाधित हुई थी। यह लापरवाही अस्पताल द्वारा हुई है। शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लेकर कार्रवाई की बात कही है।
फर्जी कोरोना जांच पर मांगा जवाब
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस और पैथ काइंड पैथोलाजी लैब द्वारा कोरोना जांच किया जा रहा है। लेकिन संक्रमित मरीजों की सही जानकारी सरकारी पोर्टल में समय पर नहीं डाला जा रहा। संक्रमित मारीजों की जानकारी 10 से 15 दिन देरी से अपलोड की जा रही है। मामले को जिला स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान में लेते हुए नोटिस भेजकर तत्काल जवाब मांगा है।
सीएमएचओ ने कहा-एफआईआर भी दर्ज कराएंगे
प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना इलाज के नाम पर अधिक राशि वसूली की शिकायत लगातार सामने आ रही है। इसके लिए विभाग ने जांच टीम बनी है, जो अस्पतालों की जांच कर रही। वहीं शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जा रही। दोषी पाए जाने पर लाइसेंस रद कराने के साथ ही पुलिस कार्रवाई भी कराएंगे।