रायपुर। Electronic Waste: रिवर्स लॉजिस्टिक्स ग्रुप (आरएलजी) व्यापक रिवर्स लॉजिस्टिक्स समाधानों की अग्रणी वैश्विक सेवा प्रदाता ने मई 2020 में अपना प्रमुख अभियान ‘क्लीन टू ग्रीन’लॉन्च किया था, जो मार्च 2021 तक चलेगा। इस अभियान का उद्देश्य जिम्मेदार संगठनों के साथ भागीदारी करके इलेक्ट्रॉनिक्स के जिम्मेदार निपटान और रीसाइक्लिंग के लिए सुरक्षित प्रथाओं के बारे में जागरूकता और संवेदनशीलता पैदा करना है।
भारत वर्तमान में दुनिया में ई-कचरे का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है, जो सालाना दो मिलियन टन (20 लाख टन) ई-कचरे का उत्पादन करता है। हालांकि, केवल 0.036 मिलियन टन कचरे का प्रसंस्करण किया गया था। भारत में लगभग 95 प्रतिशत ई-कचरे का अनौपचारिक क्षेत्र में कच्चे तरीके से पुनर्नवीनीकरण किया जाता है।
आरएलजी के क्लीन टू ग्रीन अभियान को पिछले तीन वर्षों में बड़ी सफलता मिली। 25 राज्यों और छह केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूल, कॉलेज, आरडब्ल्यूए, ऑफिस क्लस्टर्स, रिटेलर्स, थोक उपभोक्ता और अनौपचारिक क्षेत्र में हितधारकों तक पहुंच बढ़ी। पूरे भारत में कुल 2,210 गतिविधियां आयोजित की गईं। यह अभियान 22,21,406 व्यक्तियों तक पहुंचा।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में क्लीन टू ग्रीन ने 16 मई 2020 और 31 दिसंबर 2020 तक 28 शहरों में 2,06,176 की पहुंच के साथ 199 गतिविधियां कीं, जो मार्च 2021 तक जारी रहेंगी। क्लीन टू ग्रीन अभियान के बारे में बोलते हुए आरएलजी इंडिया की प्रबंध निदेशक राधिका कालिया ने कहा, ‘पिछले तीन वर्षों में हमारे अभियान को मिली सफलता से हम प्रोत्साहित हुए हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 में हमने क्लीन टू ग्रीन अभियान की पहुंच का विस्तार यह सुनिश्चित करने के लिए किया कि व्यक्तियों और पेशेवरों में यह समझ बढ़े कि इलेक्ट्रॉनिक्स का उचित निपटान और रीसाइक्लिंग एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है और जनता के बीच ई-कचरे के जिम्मेदार निपटान के बारे में जागरूकता की कमी गंभीर मुद्दा है।’
उन्होंने यह भी कहा कि हमारा प्रयास हमेशा से एक स्थायी कार्यक्रम का निर्माण करना रहा है, जो भारत सरकार द्वारा निर्धारित ई-कचरा प्रबंधन नियमों, 2016 के अनुसार पर्यावरण की बेहतरी और समाज की भलाई के लिए काम करे। हमें इस प्रयास में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेटी) से बहुत प्रोत्साहन और समर्थन मिला है।
अभियान के दूसरे वर्ष के शुभारंभ में बोलते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के निदेशक डॉ. संदीप चटर्जी ने कहा कि ‘क्लीन टू ग्रीन अभियान ने इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग और कॉर्पोरेट निकायों के साथ भारत में ई-कचरे के जिम्मेदार निपटान और पुनर्चक्रण सुनिश्चित करने के लिए सहयोग किया है। इस अभिनव और व्यापक समाधान ने निर्माताओं और वितरकों से उत्पादों की वापसी को प्रेरित किया और उपयोग के कई चक्रों को सुविधाजनक बनाया। भारत में ई-कचरा प्रबंधन को चलाने के लिए ऐसी पहल की आवश्यकता है।
आरएलजी इंडिया से जुड़े निर्माता और ब्रांड
माइक्रोसॉफ्ट, एलजी, लेनोवो, पायनियर, मोटोरोला, ब्रदर, सीमेंस, आईएफबी, हायर, हैवल्स, लॉयड्स, गोदरेज, वीडियोजेट, वीडियोटेक्स, टेक्सलाविजन, डेजवा, शिंको, इनफिनिक्स, टेक्नो, इटेल और ओरिमो इस अभियान से जुड़े हैं। अभियान ई-कचरे के सुरक्षित निपटान को बढ़ावा देने में उनके साथ सक्रिय रूप से काम करेगा।
क्लीन टू ग्रीन कैंपेन के तहत रायपुर शहर के आरडब्ल्यूए, स्कूल, कॉलेज, थोक उपभोक्ता, अनौपचारिक क्षेत्र और खुदरा विक्रेताओं में 2500 से अधिक लोगों को ई-वेस्टहैंडलिंग और डिस्पोसल के बारे में प्रशिक्षित किया गया।