Diwali 2020: विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में शनिवार को भगवान महाकाल के आंगन में दीपावली मनाई गई। तड़के चार बजे भस्मारती शुरू हुई। राजाधिराज को केसर, चंदन का उबटन लगाकर सुगंधित द्रव्य व गर्मजल से स्नान कराया गया। सोने चांदी के आभूषण से श्रृंगार कर भगवान को अन्नकूट लगाया गया। पुजारियों ने फुलझड़ी से आरती कर राजा संग दीपावली मनाई। मंदिर की परंपरा अनुसार भगवान महाकाल को सबसे पहले अन्नकूट लगाया जाता है। प्रतिपदा से शहर के वैष्णव मंदिरों में भगवान को अन्नकूट लगाया जाएगा।
अन्न्कूट महोत्सव के लिए भस्मारती करने वाले पुजारी परिवार ने मंदिर परिसर में भगवान के लिए छप्पन भोग बनवाया था। पंचामृत पूजा के बाद पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान महाकाल को केसर,चंदन का उबटन लगाया। इसके बाद पुजारियों ने भगवान को सुगंधित द्रव्य व गर्मजल से स्नान कराया। इसके बाद सोने,चांदी के आभूषण व नवीन वस्त्र धारण कराकर भगवान का दिव्य श्रृंगार किया गया। भोग में भगवान को अन्नकूट लगाया गया। पश्चात फुलझड़ी से आरती हुई। मंदिर समिति ने आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाया है। इसके चलते पुजारियों ने प्रतीकात्मक फुलझड़ी चलाई। रविवार को मंदिर की गोशाला में गोवंश तथा मंदिर के मुख्य द्वार पर गोवर्धन की पूजा की जाएगी।
संध्या आरती में भी चलेंगी फुलझड़ियां
मंदिर में शनिवार शाम 7 बजे होने वाली संध्या आरती में भी दीपावली मनाई जाएगी। पुजारी शाम को भी फुलझड़ी से भगवान महाकाल की आरती करेंगे। रात 10.30 बजे शयन आरती में भी उत्सवी छटा बिखरेगी।
रविवार को गोवर्धन पूजा
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा पर मंदिर की चिंतामन स्थित गोशाला में गोवंश का पूजन किया जाएगा। मंदिर के मुख्यद्वार पर पुजारी परिवार की महिलाएं गोवर्धन पूजा करेंगी। इसके साथ ही तीन दिवसीय उत्सव का समापन होगा।