Coronavirus Bhopal News:। लचर, कुप्रबंधित, नाकाम व्यवस्था के चलते मरीजों की सांसें उखड़ रही हैं। मरीज तड़प रहे हैं। स्वजन बिलखते रहते हैं, लेकिन अस्पतालों में उन्होंने बिस्तर नसीब नहीं हो रहा है। जिन्हें बिस्तर मिल भी गया तो आक्सीजन या वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहा है। वजह, ऑक्सीजन की हर जगह कमी है। अस्पताल से मरीज या परिजन को सिर्फ एक ही जवाब मिल रहा है, ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं है। हाल यह है कि मरीजों को खुद ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था करनी पड़ रही है, तब अस्पताल वाले भर्ती कर रहे हैं। उधर, सरकार दावा कर रही कि ऑक्सीजन की कमी नहीं है।
भोपाल के रहने वाले नागेंद्र त्रिपाठी की पत्नी सिटी अस्पताल में भर्ती है। वह खुद अपने एक परिचित से बुधवार दोपहर ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर आए, तब पत्नी का इलाज शुरू हो पाया। ‘नवदुनिया’ से बातचीत में वह फफक पड़े। बोले कि पता नहीं मेरी पत्नी बचेगी या नहीं। मैं भी संक्रमित हूं। मेरा बेटा भी। ऑक्सीजन के लिए भारी परेशान हो रही है।
भोपाल में निजी और सरकारी मिलाकर 61 अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। छोटे अस्पतालों में ऑक्सीजन की ज्यादा किल्लत आ रही है, क्योंकि उनके पास तरल ऑक्सीजन के लिए टैंक नहीं हैं। रीफिल कराने के लिए पर्याप्त सिलेंडर भी नहीं है। इस संबंध में एसडीएम राजेश गुप्ता ने कहा कि शहर के अस्पतालों को हर दिन 50 टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। जैसे-जैसे खपत बढ़ रही अतिरिक्त व्यवस्था कर रहे हैं। आइनॉक्स कंपनी को ज्यादा ऑक्सीजन आपूर्ति करने को कहा है।
ऑक्सीजन की व्यवस्था कर लो, तभी लाना मरीज
बाग सेवनिया स्थित मांउट अस्पताल में कोरोना मरीजों को भर्ती किया जाता है। यहां रिसेप्शन काउंटर पर जब एक मरीज को भर्ती कराने के बारे में पूछा गया तो जवाब मिला कि ऑक्सीजन तो नहीं लगेगी। जब बताया कि मरीज का ऑक्सीजन का स्तर कम है। तो रिसेप्शनिस्ट ने भर्ती करने से साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था खुद करना, तभी मरीज को लेकर आना।
भर्ती करने से साफ मना कर दिया
नवजीवन अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि ऑक्सीजन वाले बिस्तर उपलब्ध नहीं हैं। अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा कि अस्पताल की संचालक का मोबाइल नंबर ले लें। कोई बिस्तर खाली होता है तो शाम तक बात कर लेना। कर्मचारियों ने बताया कि ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है, इसलिए मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं।
10 को ऑक्सीजन चाहिए, एक को दे पा रहे
पालीवाल अस्पताल के बाहर मरीजों के परिजनों का रुदन चल रहा था। कई लोग अपने परिजनों की गंभीर हालत को लेकर परेशान थे। अस्पताल के डॉक्टर से जब दो मरीजों को भर्ती करने के बारे में बात की गई तो डॉक्टर ने अस्पताल में बिस्तर देने से साफ इंकार कर दिया। डॉक्टर ने कहा कि आप मरीज को ले आओ, हम हालत देखकर दवाई दे देंगे, लेकिन भर्ती नहीं कर पाएंगे। हमारे पास ऑक्सीजन नहीं है। दस को ऑक्सीजन और इंजेक्शन चाहिए तो एक को दे पा रहे हैं।
ऑक्सीजन लेवल 80 है, नहीं करेंगे भर्ती
एमपी नगर के सिटी अस्पताल प्रबंधन ने भी मरीज को अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया। जब उन्हें बताया गया कि मरीज का ऑक्सीजन लेवल 80 है, तो अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि 80 वालों का इलाज नहीं हो पाएगा। हमारे पास बहुत कम ऑक्सीजन है। अस्पताल के बाहर खड़े मरीजों के परिजनों ने बताया कि चार दिन में एक बार सिलेंडर आ रहा है। कुछ ही समय पहले एक महिला आई थी। उसका ऑक्सीजन लेवल 60 था, लेकिन ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं होने के कारण अस्पताल भर्ती नहीं कर पाया।