नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। Coronavirus: कोरोना वायरस वैश्विक स्तर पर बहुत बड़ा खतरा बन चुका है। इसकी भीषणता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा साढ़े तीन सौ को पार कर चुका है। वहीं प्रभावितों की संख्या करीब 18 हजार तक पहुंच चुकी है। अभी तक मौतों का आंकड़ा सिर्फ चीन तक सीमित था। हालांकि अब दुनिया के दूसरे हिस्सों से भी कोरोना वायरस से मौतों की पुष्टि हो रही है। वहीं भारत में इससे प्रभावित होने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है।
गंभीर खतरा
इसे 2019 नोवल कोरोना वायरस (2019-एनसीओवी) नाम दिया गया है। कोरोना का रोगाणु उस बड़े परिवार का हिस्सा है जिसके कारण सार्स और मार्स अस्तित्व में आए। यह कई महाद्वीपों तक फैल चुका है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे अंतरराष्ट्रीय संदर्भ में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। साउथेम्पटन विश्वविद्यालय के एक नए शोध में सामने आया है कि भारत सहित दुनिया के 30 देश गंभीर खतरे में है।
चीन जाने का है इरादा तो…
भारत ने 3 फरवरी को पुन: जारी ट्रैवल एडवाइजरी में कहा है कि हर किसी को सलाह दी जाती है कि वह चीन की यात्रा से बचे। वहीं 2 फरवरी को बीजिंग में मौजूद भारतीय दूतावास ने कहा कि चीन का पासपोर्ट रखने वाले और चीन में रहने वाले अन्य देशों के नागरिकों को भारत जाने के लिए ई-वीजा को अस्थायी तौर पर स्थगित कर दिया गया है। दूतावास के मुताबिक, ई-वीजा जो पहले से जारी कर दिया गया है वो अब मान्य नहीं है। वहीं एयर इंडिया ने भारत से मुंबई-दिल्ली-शंघाई सेवा को 14 फरवरी तक स्थगित कर दिया है। इंडिगो ने दिल्ली-चेंगदू और बेंगलुरु हांगकांग विमान सेवाओं को स्थगित कर दिया है।
चीन में भारतीय नागरिक
भारत ने अपने 647 नागरिकों और सात मालदीव के नागरिकों को वुहान से दो विमानों के जरिए निकाला है। भारतीय यात्रियों के पहले जत्थे में शामिल 324 भारतीयों को एक फरवरी को निगरानी के लिए इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस और भारतीय सेना की देखरेख में अलग किया गया। वहीं आंध्रप्रदेश की एक लड़की का आरोप है कि उसे नहीं निकाला जा सका क्योंकि उसे तेज बुखार था। उसका आरोप है कि उसे और एक अन्य भारतीय को संदेह के कारण वापस भेज दिया गया। हालांकि चीनी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
सघन जांच
कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए भारत ने करीब 50 हजार विमान यात्रियों की जांच की है। इनमें से कई यात्रियों को स्वास्थ्यकर्मियों की निगरानी में रखा गया है और नियमित रूप से सार्वजनिक स्वास्थ्य एडवायजरी को विभिन्न भाषाओं में जारी किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश के 21 से ज्यादा हवाई अड्डों पर यात्रियों की जांच की जा रही है।
होम्योपैथी को लेकर आलोचना
विशेषज्ञों ने आयुष मंत्रालय के उस सुझाव की आलोचना की है जिसमें होम्योपैथी और यूनानी तरीकों से कोरोना वायरस को रोकने की बात की गई है। ऑस्ट्रेलिया के एक न्यूरो साइंटिस्ट का कहना है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि होम्योपैथी और यूनानी दवाएं वायरल संक्रमण को रोक सकती हैं।