कोरोना महामारी के बीच यह सवाल बार-बार पूछा जा रहा है कि क्या दशकों से इस्तेमाल होने वाला बीसीजी का टीका स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमण से बचा सकता है। शोधकर्ता टीबी से बचाने वाले बीसीजी टीके के संभावित लाभों का अध्ययन कर रहे हैं। फ्रेंच पब्लिक हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट की कैमिली कोच ने बताया कि हम दशकों से यह बात जानते हैं कि बीसीजी का टीका उन बीमारियों से भी व्यक्ति को दूर रखता है, जिसके लिए इसे नहीं बनाया गया था।
वह कहती हैं कि जिन बच्चों में बीसीजी का टीका लगा है, वह श्वसन रोगों से कम पीडि़त होते हैं। इस टीके का प्रयोग कैंसर के इलाज में भी किया जाता है। यह टाइप-1 डायबिटीज और अस्थमा जैसी बीमारियों से भी बचाता है। शोधकर्ता यह परीक्षण करना चाहते हैं कि क्या यह टीका किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस के संक्रमण से भी बचा सकता है या फिर उसके प्रभाव को कम कर सकता है। बीसीजी के टीके के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी को अंतिम रूप देने वाली कैमिली कोच ने कहा कि अगर इसके अच्छे परिणाम सामने आते हैं तो इसे सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को दिया जाएगा। हालांकि विशेषज्ञ अब भी इसके प्रभाव को लेकर एकमत नहीं हैं।
कोरोना महामारी के बीच यह सवाल बार-बार पूछा जा रहा है कि क्या दशकों से इस्तेमाल होने वाला बीसीजी का टीका स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमण से बचा सकता है। शोधकर्ता टीबी से बचाने वाले बीसीजी टीके के संभावित लाभों का अध्ययन कर रहे हैं। फ्रेंच पब्लिक हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट की कैमिली कोच ने बताया कि हम दशकों से यह बात जानते हैं कि बीसीजी का टीका उन बीमारियों से भी व्यक्ति को दूर रखता है, जिसके लिए इसे नहीं बनाया गया था।
वह कहती हैं कि जिन बच्चों में बीसीजी का टीका लगा है, वह श्वसन रोगों से कम पीडि़त होते हैं। इस टीके का प्रयोग कैंसर के इलाज में भी किया जाता है। यह टाइप-1 डायबिटीज और अस्थमा जैसी बीमारियों से भी बचाता है। शोधकर्ता यह परीक्षण करना चाहते हैं कि क्या यह टीका किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस के संक्रमण से भी बचा सकता है या फिर उसके प्रभाव को कम कर सकता है। बीसीजी के टीके के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी को अंतिम रूप देने वाली कैमिली कोच ने कहा कि अगर इसके अच्छे परिणाम सामने आते हैं तो इसे सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को दिया जाएगा। हालांकि विशेषज्ञ अब भी इसके प्रभाव को लेकर एकमत नहीं हैं।