Congress Meeting। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से शनिवार को बुलाई गई वरिष्ठ नेताओं की बैठक में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के तेवर बदले-बदले थे। बैठक से पहले नाराज नेताओं की अगवानी के लिए वह काफी देर गेट पर खड़े रहे। लगभग पांच घंटे तक चली इस बैठक में राहुल गांधी ने नाराज नेताओं से न सिर्फ माफी मांगी बल्कि भरोसा दिलाया कि वे जैसा कहेंगे, उनकी बातों पर वे (राहुल) अमल करेंगे। सूत्रों के मुताबिक नाराज नेताओं ने राहुल का विरोध तो नहीं किया, लेकिन सोनिया गांधी से कहा कि अगर राहुल गांधी संगठन को 24 घंटे का नेतृत्व देने को तैयार हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। बैठक में शामिल बड़े नेताओं के भाषण के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि जो सुझाव आए हैं, वे अमूल्य हैं और इन्हें क्रियान्वित करने की पूरी कोशिश करेंगी।
बैठक के बाद यह माना जा रहा है कि कांग्रेस की कमान एक बार फिर राहुल गांधी के हाथ में हो सकती है। बैठक में पहला भाषण गुलाम नबी आजाद ने दिया। राज्यसभा सदस्य विवेक कृष्ण तन्खा ने कहा कि भाजपा 24 घंटे चलने वाली इलेक्शन मशीन की तरह है। कांग्रेस को उससे ज्यादा तैयारी करनी पड़ेगी, लेकिन वैसी तैयारी दिख नहीं रही है। प्रजातंत्र को बचाना है तो कांग्रेस को मजबूत करना पड़ेगा।
वेणुगोपाल और सुरजेवाला को नहीं बुलाया : बैठक में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को नहीं बुलाया गया। सूत्रों का कहना है कि सुरजेवाला सहित कुछ नेताओं के पर कतरे जा सकते हैं।
सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई। कांग्रेस अब एक परिवार के रूप में नई ताकत के साथ सामने आएगी। – विवेक कृष्ण तन्खा, राज्यसभा सदस्य