नई दिल्ली। भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) ने केंद्रीय खेलमंत्री किरेन रिजीजू को पत्र लिखकर 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स के बहिष्कार की मांग की है। ब्रिटेन के बर्मिंघम में होने वाले इन गेम्स से निशानेबाजी को हटाए जाने के विरोध में आईओए यह कदम उठाना चाहता है।
आईओए के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने खेलमंत्री रिजीजू को लिखे पत्र में बताया कि आईओए ने इसी के चलते इसी साल 3 से 5 सितंबर तक रवांडा में होने वाली कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (CWG) कांग्रेस में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। आईओए ने कहा कि भारत को इन गेम्स में हिस्सा नहीं लेना चाहिए जिससे सीडब्ल्यूजी को यह समझ आ जाएगा कि भारत आजाद हो चुका है और अब वो किसी देश का उपनिवेश नहीं है। हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी और सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि भारत निशानेबाजी में सबसे ज्यादा पदक जीतते आया है। उसने 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में निशानेबाजी में 7 स्वर्ण समेत कुल 16 पदक जीते थे। बर्मिंघम में 2022 में होने वाले गेम्स से निशानेबाजी को हटा दिया गया है और इसका सीधा असर भारत के पदकों की संख्या पर पड़ेगा।
उन्होंने लिखा कि भारत जब भी किसी खेल में मजबूत होने लगता है तो नियमों में बदलाव कर उसे कमजोर करने की कोशिश की जाती है। अब इस मामले में कड़े कदम उठाने का समय आ गया है। आईओए अपने स्तर पर बहिष्कार का फैसला नहीं कर सकता है इसके चलते खेलमंत्री से चर्चा के लिए समय मांगा गया है। ऐसे फैसलों में राजनीतिक संवेदनशीलता का ध्यान रखना पड़ता है इसके चलते आईओए सरकार की सलाह से ही कोई फैसला लेना चाहता है।