Chhattisgarh Paddy Procurement: 72 घंटे में उठाव का प्रावधान, बीस दिन बाद भी धान उपार्जन केंद्रों में जमा है स्टॉक

बिलासपुर:बलरामपुर जिले के अंतर्गत 40 धान उपार्जन केंद्रों में अब तक 57 हजार 41 मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है लेकिन धान का उठाव अभी तक मात्र 27.84 प्रतिशत ही किया गया है। कई समितियों में बफर लिमिट से कई गुना अधिक धान खुले आसमान के नीचे पड़ा है। जबकि बफर स्टॉक सीमा से ज्यादा होने पर 72 घंटे के भीतर उठाव किया जाना चाहिए परंतु कई सहकारी समितियों में 20 दिनों के बाद भी उठाव नहीं हो पा रहा है। जिससे सहकारी समितियां चिंतित हैं।

यही स्थिति रही तो कई समितियों में धान खरीदी भी प्रभावित होगी। बलरामपुर जिले के 40 धान उपार्जन केंद्रों में 33101 किसानों के द्वारा धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है जिनका धान खरीदा जा रहा है। जिले में अब तक 57 हजार 41 मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है परंतु धान के उठाव की गति अत्यंत धीमी है। राइस मिल में कस्टम मिलिंग के लिए धान उठाव के लिए डिलेवरी आर्डर तो जारी किया गया है परंतु अब तक संग्रहण केंद्रों के लिए यह व्यवस्था लागू नहीं ही पाई है।

जिले में संग्रहण केंद्र डकवा राजपुर, एवं रामानुजगंज मंडी है। जहां अब तक धान संग्रहण के लिए नहीं पहुंच पाया है। जिस प्रकार से धान की आवक समितियों में हो रहा है एवं उठाव की स्थिति बहुत धीमी है इससे निश्चित रूप से धान खरीदी प्रभावित होगी। खरीफ वर्ष 2019 – 20 में लापरवाही से जून तक धान का उठाव हुआ था जिस कारण समितियों में रखे रखे धान काफी मात्रा में सड़ गए थे। जबकि 72 घंटे में उठाव किया जाना है इसके बाद भी लापरवाही के कारण इसका खामियाजा सहकारी समितियों को उठाना पड़ता है।

धान उपार्जन केंद्र महावीरगंज, त्रिकुंडा, तातापानी, भंवरमाल सहित अन्य समितियों में बफर लिमिट से कई गुना अधिक धान खुले आसमान के नीचे पड़े हुए हैं जिनको तत्काल उठाव किए जाने की मांग सहकारी समितियों के द्वारा की जा रही है। धान का आवक आने वाले समय में और बढ़ेगा ऐसे में धान खरीदी भी प्रभावित होगी।धान की मिलिंग के लिए जिले की 29 राइस मिलों से अनुबंध किया गया है। धान खरीदी के बाद राइस मिल के लिए डीओ जारी करना प्रारंभ भी हो गया है।

जिले के 40 धान उपार्जन केंद्रों में अब तक कुल 11939 किसानों के द्वारा धान बेचा गया है। जिले में 33101 किसानों के द्वारा पंजीयन कराया गया है ऐसे छुट्टियां छोड़कर एक माह से भी कम का समय किसानों के लिए धान बेचने के लिए रह गया है। निश्चित रूप से अब समितियों में ज्यादा भीड़ लगेगी। ऐसे में धान का उठाव भी तेजी से किए जाने की आवश्यकता है। अपर कलेक्टर विजय कुजूर ने कहा कि धान का उठाव धीमा है इसे तेज करने के लिए आवश्यक पहल की जा रही है। मार्गदर्शन लिया जा रहा है।

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