केंद्र सरकार की तरफ से चावल एफसीआइ के गोदामों में चावल जमा करने की शीघ्र अनुमति नहीं मिलने पर बारदाना की कमी हो सकती है।
रायपुर:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन बात की। इस दौरान उन्होंने एफसीआइ के गोदामों में चावल जमा करने की अनुमति शीघ्र देने की मांग की। इस पर प्रधानमंत्री ने उपयुक्त कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री से टेलीफोन पर हुई चर्चा में मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की अनुमति प्राप्त न होने से वर्तमान में खरीदी केंद्रों पर धान का उठाव न होने के कारण जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। इससे धान के निराकरण में विलंब होगा।
इससे भंडारित धान का क्षतिग्रस्त होना संभावित है। धान खरीदी प्रभावित होने से राज्य के पंजीकृत 21.52 लाख किसानों की आजीविका पर विपरीत प्रभाव पड़ना निश्चित है। बता दें कि खरीफ वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार ने राज्य से 60 लाख टन चावल लेने की सहमति दी है। इसके आधार पर प्रदेश सरकार ने धान खरीदी का लक्ष्य 85 से बढ़ाकर 90 लाख कर दिया है। प्रदेश में एक दिसंबर से धान की खरीदी चल रही है। अब तक 12 लाख किसानों से लगभग 47 लाख टन धान खरीदा जा चुका है।
इस बार बारदाने का भी संकट
केंद्र सरकार की तरफ से चावल एफसीआइ के गोदामों में चावल जमा करने की शीघ्र अनुमति नहीं मिलने की स्थिति में बारदाना की कमी हो सकती है। इसकी वजह से खरीदी प्रभावित होने का ज्यादा खतरा है। प्रदेश में धान खरीदी के लिए करीब साढ़े तीन लाख गठान नए बारदाने की जस्र्रती है, लेकिन एक लाख 45 हजार बारदाने ही मिल पाए हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार को पुराने बारदानों का उपयोग करना पड़ रहा है।