Chhattisgarh Budget Analysis: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में पेश बजट में सभी सेक्टरों को आगे बढ़ाने की दिशा में बजट का आवंटन किया है। किसानों के राज्य के रूप में पहचान बनाने वाले छत्तीसगढ़ में सरकार का फोकस कृषि सेक्टर पर सबसे ज्यादा है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने बजट का 17.2 फीसद राशि का आवंटन कृषि क्षेत्र के लिए किया है, जो अन्य राज्यों के औसत आवंटन से तीन गुना ज्यादा है।
पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च ने छत्तीसगढ़ के बजट का विश्लेषण किया है। रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने सबसे ज्यादा बजट आवंटन 19 फीसद शिक्षा के क्षेत्र में किया है। रिपोर्ट की मानें तो केंद्र सरकार से मिलने वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि में 51 फीसद की गिरावट आ सकती है। प्रदेश को क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में 1500 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है।
इसका अर्थ यह है कि राज्य अपेक्षित राजस्व वृद्धि हासिल नहीं कर पाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020-21 में राज्यों की क्षतिपूर्ति की जरूरत को पूरा करने के लिए सेस कलेक्शन पर्याप्त नहीं था। इनकी जरूरत के एक हिस्से को केंद्र के लोन के जरिए पूरा किया जाएगा। वर्ष 2021-22 में एसजीएसटी नौ हजार 338 करोड़ रुपये अनुमानित है, जो राज्य के स्वयं के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत है। केंद्रीय बजट में राज्यों को बजटीय चरण की तुलना में 30 फीसद कम हिस्सा मिलने का अनुमान है। बजट की 44 फीसद राशि राज्य को अपने हिस्से से जुटाना है और 56 फीसद राशि केंद्र से मिलेगी।
छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था
जीएसडीपी: 2020-21 में छत्तीसगढ़ की जीएसडीपी की वृद्धि दर 1.8 फीसद थी, जो 2019-20 की वृद्धि दर 5.1 फीसद से कम है।
क्षेत्र: 2019-20 में अर्थव्यवस्था में कृषि (26 फीसद), मैन्यूफैक्चरिंग (38 फीसद) और सेवा क्षेत्र (36 फीसद) का योगदान था। इस बार तीनों सेक्टर में गिरावट दर्ज की गई है।
प्रति व्यक्ति जीएसडीपी: 2019-20 में छत्तीसगढ़ की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी एक लाख 12 हजार 318 रुपये थी, जिसमें 2018-19 के मुकाबले 6.5 फीसद की वृद्धि हुई है।
बेरोजगारी: पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे 2018-19 के अनुसार, राज्य में बेरोजगारी दर 2.4 फीसद थी, जो देश के औसत बेरोजगारी दर 5.8 फीसद से कम है।
परिवहन और सिंचाई में कम हुआ पूंजीगत व्यय
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ का पूंजीगत व्यय 13 हजार 839 करोड़ रुपये अनुमानित है, जिसमें 2019-20 की तुलना में 27 फीसद की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में पूंजीगत व्यय के संशोधित अनुमान 10 हजार 681 करोड़ रुपये हैं, जो बजट अनुमान से 23 फीसद कम है। परिवहन में एक हजार 279 करोड़ और सिंचाई में 816 करोड़ रुपये की कटौती शामिल है। इन सब को मिलाकर पूंजीगत व्यय में 67 फीसद की कटौती हुई है।
फैक्ट फाइल
कुल व्यय: एक लाख दो हजार 483 करोड़ रुपये अनुमानित है, जिसमें 2019-20 की तुलना में छह फीसद की वार्षिक वृद्धि है।
कुल प्राप्तियां: 79 हजार 645 करोड़ अनुमानित है, जो 2019-20 की तुलना में 11 फीसद की वार्षिक वृद्धि है।
इन सेक्टरों के बारे में भी जानिए
सेक्टर आवंटित राशि अन्य राज्यों का औसत
शिक्षा -19 फीसद -15.8 फीसद
स्वास्थ्य – 6.1 फीसद -5.5 फीसद
कृषि -17.2 फीसद -6.3 फीसद
पुलिस -5.1 फीसद -4.3 फीसद
सड़क,पुल – 7 फीसद -4.3 फीसद
ग्रामीण विकास-4.9 फीसद -6.1 फीसद