देश के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में करीब 20 हजार शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक पद रिक्त पड़े हैं। इनपर नियुक्ति नहीं होने से शैक्षणिक के साथ-साथ एकेडमिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। समय पर नियुक्ति नहीं होने से केंद्रीय विवि की स्थिति भी खराब होती जा रही है। यह स्थिति बिहार सहित देश के तमाम केंद्रीय विवि में देखने को मिल रही है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार में टीचिंग के 58 और नॉन टीचिंग के 33 पद रिक्त हैं। वहीं महात्मा गांधी दक्षिण बिहार केंद्रीय विवि में टीचिंग के 20 और नॉन टीचिंग के 41 पद रिक्त हैं।
केंद्र सरकार के डेटा के अनुसार 1 अप्रैल 2021 तक देशभर के सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 18,911 शिक्षकों के पदों के विरुद्ध 12,775 शिक्षक ही कार्यरत हैं, यानि 6136 शैक्षणिक पद रिक्त पड़े हैं। वहीं नॉन टीचिंग पोस्ट की बात करें तो 36351 रिक्तियों के विरुद्ध 13706 पद खाली पड़े हैं। यानि लगभग 20 हजार पद रिक्त हैं। इग्नू में टीचिंग के 198 और नॉन टीचिंग के 1235 पद रिक्त हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षकों के सर्वाधिक पद खाली
दिल्ली विश्वविद्यालय में टीचिंग के सर्वाधिक 846 पद रिक्त हैं, इसके बाद 598 पद यूनिवर्सिटी ऑफ इलाहाबाद में खाली हैं। इन यूनिवर्सिटी में गैर शैक्षणिक पद भी भारी संख्या में खाली पड़े हैं। यह जानकारी मानव संसाधन विभाग, भारत सरकार के मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में सांसद नीरज शेखर के अतारांकित प्रश्नों के जवाब में दी।
बेरोजगार युवाओं के लिए हो सकता है बड़ा अवसर
सेंट्रल यूनिवर्सिटी में खाली पदों को यदि भरा जाए तो करीब 20 हजार बेरोजगार युवाओं को मौका मिल सकता है। उच्च शिक्षा प्राप्त लाखों छात्र इन रिक्तियों को पूरा करने की अर्हता रखते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र दीपांकर गौरव ने कहा कि अजीब विडंबना है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों जैसे अतिमहत्वपूर्ण संस्थानों में भी इतनी भारी मात्रा में पद रिक्त हैं, जबकि लाखों छात्र नेट-पीएचडी कर बेरोजगार हैं, जिनकी नियुक्ति शैक्षणिक पदों पर की जा सकती है।
इन विश्वविद्यालयों में सबसे अधिक पद रिक्त
विश्वविद्यालय का नाम टीचिंग पद नॉन टीचिंग पद
-यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली 846 2259
-यूनिवर्सिटी ऑफ इलाहाबाद 598 620
-बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय 422 3695
-जेएनयू टीचिंग 308 651
-हरि सिंह गौर केंद्रीय विवि 227 328