भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त पाए गए दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार ने वॉलंटरी रिटायरमेंट मांगते हुए सीबीआई पर बड़ा आरोप लगाया है।
राजेंद्र कुमार ने 12 पन्ने का एक खत लिखते हुए सीबीआई पर कई आरोप मढ़े हैं। इनमें जो सबसे अहम है वो है कि सीबीआई ने उन्हें केजरीवाल के खिलाफ बयान देने का दबाव डाला था।
राजेंद्र कुमार ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, ‘सीबीआई ने मुझ पर लगातार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव डाला था और ऐसा करने पर मुझे छोड़ने की बात भी कही थी।’ राजेंद्र ने अपनी चिट्ठी में सीबीआइ पर आरोप लगाते हुए यह दावा भी किया है कि उनसे जबरन मेल का एक्सेस हासिल किया गया और धमकी भी दी गई।
राजेंद्र कुमार ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, ‘सीबीआई ने मुझ पर लगातार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव डाला था और ऐसा करने पर मुझे छोड़ने की बात भी कही थी।’ राजेंद्र ने अपनी चिट्ठी में सीबीआइ पर आरोप लगाते हुए यह दावा भी किया है कि उनसे जबरन मेल का एक्सेस हासिल किया गया और धमकी भी दी गई।
चिट्ठी में दाव- कई लोगों की हुई पिटाई
राजेंद्र कुमार ने अपने खत में लिखा है कि, ‘सीबीआई ने मुझे और सीएम केजरीवाल को फंसाने के लिए लोगों पर दबाव डाला और बहुत से लोगों की पिटाई भी की।’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘उन्हें इस सिस्टम पर उन्हें बहुत भरोसा था, क्योंकि एक गरीब परिवार से आने वाला भी सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर आईएएस बन गया था, लेकिन आज सब बदल गया है।’
राजेंद्र कुमार की चिट्ठी के अनुसार, उन्हें केंद्र और दिल्ली सरकार के झगड़े में मोहरा बनाया गया। उन्होंने आगे अपने पुरस्कारों का जिक्र करने के बाद निराशा जताई और लिखा कि, उन्हें 2008 में देश का सबसे प्रतिष्ठित पीएम पदक मिला और जनसेवा में शानदार योगदान के लिए प्राइम मिनिस्टर अवॉर्ड भी दिया गया। लेकिन अब उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। राजेंद्र कुमार ने बताया कि सीबीआई के जरिए उन्हें झूठे मामलों में फंसाकर प्रताड़ित किया जा रहा है।
राजेंद्र कुमार के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों का उल्लंघन किया गया और उनका निलंबन गैरकानूनी तरीके से दो अक्टूबर को फिर से 180 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया।