बिलासपुर। Bilaspur News : छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले को फाइलेरिया मुक्त करने के अभियान में हर वर्ग का साथ मिल रहा है। गांव के कोटवार, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पंच सरपंच, मितानिन से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। सरगुजा के गांव-गांव में जागरूकता के लिए दीवार लेखन का काम भी चल रहा है।
कलेक्टर संजीव झा, चिकित्सा अधिकारी डा. पीएस सिसोदिया, नोडल अधिकारी डा. अनिल प्रसाद के नेतृत्व में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को गति देने के लिए हर स्तर से प्रयास किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से सहयोग कर रही पीसीआई संस्था हर प्रकार के तकनीकी संसाधनों का उपयोग कर प्रचार-प्रसार कर रही है।
पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर के सभी छोटे-बड़े संघ समितियों शासकीय और गैरशासकीय संस्थाओं का सहयोग लेकर युद्धस्तर पर क्रियाशील है। कहीं, कोटवारों से मुनादी करवानी हो या नारालेखन या आनलाइन क्लास के माध्यम से शिक्षकों के द्वारा फाइलेरिया की जानकारी देना हो, सभी काम तेजी से चल रहे हैं। आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह के माध्यम से प्रचार प्रसार व शपथ दिलाई जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग सरगुजा और पीसीआई संस्था इस बार कहीं चूक व कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। विभागीय कर्मचारी भी इस कार्यक्रम को गति देने के लिए कोई अवकाश में नहीं हैं। सरगुजा जिला में आजीविका मिशन से जुड़े 10 हजार 500 से ज्यादा स्वयं सहायता समूह है। जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी कुलदीप शर्मा ने सभी समूहों तक यह संदेह पहुंचा दिया है।
अभियान की गतिविधियां जमीनी स्तर से आ रही हैं। सरगुजा जिला में कुल गांव 586 हैं। मितानीन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और स्वयं सहायता समूह नारालेखन के माध्यम से प्रचार प्रसार कर रही हैं।