बिलासपुर। Bilaspur News: 19 साल बाद राज्य सरकार एक बार फिर फसल चक्र परिवर्तन पर जोर देते नजर आ रही है। अन्न्दाता किसानों के सामने सरकार ने आफर रख दिया है। धान के बदले दलहन व तिलहन की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार स्र्पये आदान राशि देने की घोषणा कर दी है। यह राशि किसानों को तीन वर्ष तक लगातार दी जाएगी। बीते तीन वर्षों से अल्प और खंडवृष्टि के कारण अकाल की स्थिति बनते रही है। इसके चलते भूजल स्तर में गिरावट के कारण गर्मी के दिनों में शहरी व ग्रामीणों को जल संकट से भी जूझना पड़ा था।
बीते वर्ष जिले के बिल्हा व मस्तूरी ब्लाक के ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल स्तर में 120 से 130 फीट की गिरावट दर्ज की गई थी। जल स्तर में गिरावट का असर बारिश की शुस्र्आत के एक महीने बाद तक बना हुआ था। किसानों को अकाल का सामना भी करना पड़ा था। धान की खेती करने वाले किसानों को पानी की ज्यादा जस्र्रत पड़ती है। दलहन व तिलहन की पानी की जस्र्रत काफी कम पड़ती है। खरीफ के अलावा रबी सीजन में भी किसान धान की खेती करते हैं। रबी फसल के दौरान खरीफ की तुलना में धान के पौधों को ज्यादा पानी की जस्र्रत पड़ती है।
भूजल का लगातार दोहन से स्थिति बिगड़ने लगी है। इसे देखते हुए राज्य शासन ने खरीफ फसल की शुस्र्आत से पहले ही किसानों के सामने फसल चक्र परिवर्तन का प्रस्ताव रखा है। किसान अगर सरकार के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करते हैं और फसल चक्र परिवर्तन के तहत धान के बजाय दलहन व तिलहन की खेती करते हैं तो राज्य सरकार प्रोत्साहन राशि देने के तैयार बैठी है।
ये है सरकारी प्रस्ताव
खरीफ फसल सीजन में किसान धान के बदले कोदो-कुटकी,गन्ना,अरहर,मक्का,सोयाबीन,दलहन,तिलहन,सुंगधित धान अन्य फोर्टिफाईड धान लगाते हैं तो राज्य सरकार ने ऐसे किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार स्र्पये आदान राशि प्रदान करेगी। यह राशि किसानों को लगातार तीन वर्षों तक दी जाएगी।
पौधारोपण के एवज में मिलेगा प्रति एकड़ 10 हजार
पर्यावरण संतुलन की दिशा में भी राज्य सरकार ने गंभीरता के साथ काम करना प्रारंभ कर दिया है। अल्प और खंडवृष्टि की समस्या को दूर करने के लिए पौधारोपण पर जोर दे रही है। इसके लिए किसानों के सामने प्रस्ताव रखा जा रहा है। खेत की मेढ़ पर केला,पपीता के अलावा फलदार पौधे लगाने के एवज में प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा कर दी है। ऐसे किसान जो अपने खेतों में पौधारोपण करते हैं तो उसकी देखभाल के लिए राज्य सरकार प्रति एकड़ 10 हजार स्र्पये आदान राशि के रूप में देगी। यह राशि तीन वर्षांे तक किसानों को सरकारी खजाने से दी जाएगी।