Bilaspur News: कोरोना से जारी जंग में संजीवनी 108 के कर्मचारियों की महती भूमिका रही है। कोरोना संक्रमित मरीज को लाने की सूचना पर दरवाजे तक पहुंचने वाले ये कर्मचारी बिना किसी भय के पीड़ितों को अस्पताल तक पहुंचाते रहे हैं। वर्तमान में होम आइसोलेशन की सुविधा के बाद भी दो माह में संजीवनी के कर्मवीरों ने 501 संक्रमितों को मेडिकल कॉलेज के कोविड उपचार केंद्र पहुंचाया।
पूरी निष्ठा से सेवा का परिणाम है कि कोविड अस्पताल में भर्ती कराए गए मरीजों में स्वस्थ्य होकर घर लौटने वाले लोगों का प्रतिशत 90 है। सही समय पर अच्छी उपचार सुविधा संक्रमितों को मिलने से रेफर केस का प्रतिशत 5.17 रहा। दो माह की अवधि में संजीवनी ने सिर्फ कोरोना संक्रमितों के परिवहन का काम नहीं किया बल्कि 2519 अन्य मरीजों को भी प्रत्यक्ष सेवा का लाभ मिला।
कोरोना संक्रमण-2 से जारी जंग के बीच जेएईएस 108 संजीवनी एक्सप्रेस के स्टाफ दिन-रात सेवाएं दे रहे हैं। हर आपातकालीन परिस्थिति में मिलने वाली संजीवनी की सेवा ने ग्रामीण क्षेत्र तक के लोगों को राहत दी, जिससे उन्हें मरीज को अस्पताल तक लाने के लिए वाहन की व्यवस्था नहीं करनी पड़ती है। आपातकालीन सेवा के लिए 108 कर्मियों की भूमिका कोरोनाकाल में योद्धा की रही। क्योंकि वाहनों का आवागमन बंद रहने के कारण इन्होंने न सिर्फ मरीजों को अस्पताल पहुंचाया बल्कि अस्पताल से छुट्टी मिलने पर उन्हें घर तक पहुंचाने में भी पीछे नहीं रहे।
दो माह में लाए गए मरीज
माह कोरोना संक्रमित अन्य
अक्टूबर 290 1163
नवंबर 211 1356