बिहार में आगामी पंचायत चुनाव में ईवीएम खरीदारी के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र को लेकर बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से दायर याचिका पर जल्दी सुनवाई की गुहार पटना हाईकोर्ट से लगाई गई है। राज्य निर्वाचन आयोग के वकील संजीव निकेश ने बताया कि गुरुवार की सुबह न्यायमूर्ति शिवाजी पांडेय की एकलपीठ से मामले पर जल्द सुनवाई करने की गुहार लगाई गई है। उनके अनुरोध को मंजूर कर लिया गया है। अगले सप्ताह मामले पर सुनवाई हो सकती है।
गौरतलब है कि सूबे में होने वाले पंचायत चुनाव में ईवीएम की खरीद के लिए निर्वाचन आयोग से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में भारत के निर्वाचन आयोग की ओर से 21 जुलाई 2020 को जारी उस हिस्से को चुनौती दी गयी है। जिसके तहत प्रत्येक राज्य के निर्वाचन आयोग के लिए ईवीएम/वीवीपैट मशीनों की आपूर्ति व डिजाइन के पहले भारत निर्वाचन आयोग से मंजूरी लेना अनिवार्य है। इस वर्ष में सूबे में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ईवीएम मशीनों की खरीदारी करने के पूर्व निर्वाचन आयोग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के लिए पत्र भेजा था। लेकिन अबतक अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने से पंचायत चुनाव में देरी हो सकती है।
पंचायती चुनाव के लिए एक विशेष तकनीकयुक्त ईवीएम की जरूरत है, जिसे सिक्योर्ड डिटैचेबल मेमरी मॉड्यूल प्रणाली कहा जाता है। इस ईवीएम की आपूर्ति करने के लिए हैदराबाद की कंपनी ईसीआईएल भी आपूर्ति करने को तैयार है। किंतु भारत का निर्वाचन आयोग अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दे रहा है। राज्य आयोग ने यह भी आरोप लगाया है कि तकनीकी युक्त ईवीएम मशीनों के आपूर्ति की मंजूरी राजस्थान और छत्तीसगढ़ के पंचायती राज चुनाव के लिए खुद भारत निर्वाचन आयोग ने दी है। लेकिन बिहार में होने वाले पंचायती चुनाव में मशीन खरीदगी के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के मामले में भेदभाव कर रहा है।