बिहार के साहेबगंज थाने के पुलिस के हत्थे चढ़े युवकों ने पूछताछ के दौरान कई राज खोले हैं। उनलोगों ने पुलिस को बताया है कि वे पश्चिमी क्षेत्र के कई हार्डकोर नक्सलियों को पहचानते हैं। वे उनके संपर्क में भी थे। नक्सलियों के हथियार भी छुपाया करते थे। शुक्रवार को साहेबगंज पुलिस ने हथियार बरामदगी के लिए छापेमारी भी की। लेकिन, सुराग नहीं मिल सका। इसके बाद तीनों युवकों को कोर्ट में पेश किया गया। वहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
पुलिस सूत्रों की माने तो पश्चिमी क्षेत्र के कई नक्सली पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। वे इन युवकों के माध्यम से फंड भी इक्ट्ठा कर रहे थे। इसके अलावा अपने क्षेत्र की बड़ी आबादी को जोड़ने में भी इनकी मदद ले रहे थे। ताकि, चुनाव मैदान में उतरने में मदद मिले। अपनी छवि समाजसेवी की तरह बनाना चाह रहे हैं। पुलिस ने तीनों युवकों से नक्सलियों के नाम और उनकी गतिविधियों की भी जानकारी ली है। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
मालूम हो कि, साहेबगंज पुलिस ने बाइक चेकिंग के दौरान तीनों युवकों को दबोचा था। इनका नक्सली रमेश पासवान की कारबाइन के साथ सोशल मीडिया पर फोटो वायरल हुआ था। रमेश दो साल पहले पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था।