बिहार के खगड़िया व गोगरी में बुधवार की सुबह निगरानी की दो टीमों ने छापेमारी कर गोगरी रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और सिविल सर्जन कार्यालय के प्रधान लिपिक को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सुभाष चंद्र सुमन को अस्पताल परिसर स्थित उसके सरकारी आवास से डेढ़ लाख रुपए नकद के साथ निगरानी डीएसपी विमलेन्दु वर्मा की टीम ने पकड़ा। जबकि सिविल सर्जन कार्यालय के प्रधान लिपिक राजेन्द्र प्रसाद सिन्हा को राजेन्द्र चौक स्थित सरकारी आवास से निगरानी डीएसपी सर्वेश कुमार सिंह की टीम ने 30 हजार रुपए के साथ गिरफ्तार किया।
निगरानी डीएसपी सर्वेश कुमार सिंह ने बताया कि गोगरी रेफरल अस्पताल में पदस्थापित परिचारिका रूबी देवी ने अगस्त माह में योगदान दिया था। इसके बाद से उनको वेतन का भुगतान नहीं हो रहा था। अगस्त 2020 से इस साल के फरवरी तक के लंबित वेतन भुगतान के एवज में उनसे रिश्वत मांगी गई थी।
दोनों को निगरानी अपने साथ पटना ले गयी
इसमें रेफरल अस्पताल प्रभारी ने डेढ़ लाख रुपए व लिपिक ने 50 हजार रुपए की मांग की थी। लिपिक से 30 हजार में सौदा तय हुआ था। निगरानी से मुंगेर के बरियारपुर की निवासी परिचारिका रूबी देवी के पति संजीत कुमार ने इसकी शिकायत की थी। निगरानी के बिछाए जाल के अनुसार गोगरी रेफरल अस्पताल में परिचारिका रूबी देवी व सीएस कार्यालय के लिपिक राजेन्द्र प्रसाद सिन्हा को उसके पति पैसा दे रहे थे कि इसी दौरान दोनों को घूस लेते रंगे हाथ निगरानी की टीम ने गिरफ्तार कर कर लिया। दोनों को निगरानी टीम अपने साथ पटना ले गई। यह खबर सुनते ही जिले के स्वास्थ्य महकमा में हड़कंप मच गया।