परिवहन विभाग ने राजधानी सहित प्रदेश के सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) और जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) में दो महीने पहले शुरू किए गए सहायता केंद्र तक नहीं पहुंच पा रहे है आवेदक। आरटीओ व डीटीओ संबंधी आनलाइन कार्यों के लिए लोगों को अब भी भटकना पड़ रहा है। कोई परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं होने से पेरशान हो रहा है तो कोई लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ के चक्कर लगा रहा है। भोपाल आरटीओ में भीतर की तरफ सहायता केंद्र बनाया गया है। ऐसे में लोग वहां तक नहीं पहुंच पाते हैं। आरटीओ के प्रवेश द्वार पर ही परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस की शाखा और ऊपर लर्निंग ड्राइविंग शाखा है। इसके बाद लाइसेंसों का नवीनीकरण, फिटनेस, वाहनों की एनओसी खिड़की है। फिटर आरटीओ के अधिकारियों के कैबिन हैं। अंत में सहायता केंद्र होने होने से लोग नहीं पहुंच पाते हैं। आरटीओ परिसर में ही काम के लिए परेशान होते रहते हैं। लोगों का कहना है कि जब परिवहन विभाग ने लोगों की मदद करने के लिए सहायता केंद्र शुरू किया था, तब ही प्रवेश द्वार पर ही एक खिड़की बनानी चाहिए थी। जिससे लोग आरटीओ में प्रवेश करते ही अपने कार्यों से संबंधित जानकारी सहायता केंद्र में बैठे कर्मचारी से प्राप्त कर सकते थे। भीतरी सहायता केंद्र होने से लोगों को वहां तक पहुंचने में समय लगता है। इस संबंध में आरटीओ संजय तिवारी ने बताया कि सात नंबर पर संचालित मौजूदा कार्यालय में जगह कम है। कोकता ट्रांसपोर्ट नगर में बनाए गए आरटीओ भवन में शहरवासियों को व्यवस्थित सुविधाएं मिलेंगी। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश मिलते ही आरटीओ को कोकता में शिफ्ट करा दिया जाएगा। इससे लोगों को आरटीओ संबंधी कार्यों को कराने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।